Growth of startups in India: भारत में स्टार्टअप्स की हालत पतली, बड़े पैमाने पर छंटनी, वीडियो में देखें ये चौंकाने वाली रिपोर्ट
Growth of startups in India: एक अनुमान के अनुसार, 24,250 से अधिक कर्मचारी अब तक घरेलू स्टार्टअप्स में नौकरी खो चुके हैं। स्टार्टअप के बारे में जानकारी देने वाले पोर्टल "इंक42" के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 84 स्टार्टअप द्वारा 24,256 कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है।
Growth of startups in India: भारतीय स्टार्टअप्स में हालात अच्छे नहीं हैं। इनमें लगातार छंटनी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक अनुमान के अनुसार, 24,250 से अधिक कर्मचारी अब तक घरेलू स्टार्टअप्स में नौकरी खो चुके हैं। स्टार्टअप के बारे में जानकारी देने वाले पोर्टल "इंक42" के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 84 स्टार्टअप द्वारा 24,256 कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है। कोरोना के दौरान काफी प्रचलित हुए डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म प्रैक्टो ने 41 कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिनमें ज्यादातर इंजीनियर हैं। इसी तरह, किराना डिलीवरी प्रोवाइडर डंजो ने नए फंडिंग राउंड में 7.5 करोड़ डॉलर जुटाए जाने के बाद कम से कम 30 प्रतिशत यानी लगभग 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। बेंगलुरु की जस्टमनी कम्पनी अपने कर्मचारियों की 20 फीसदी छंटनी कर रही है, जिसका असर करीब 100 कर्मचारियों पर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि फैंटेसी ई-स्पोर्ट्स स्टार्टअप फैनक्लैश ने अपने लगभग 75 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
पिछले महीने के आखिर में अनएकेडमी के सह-संस्थापक और सीईओ गौरव मुंजाल ने घोषणा की थी कि टीम के आकार को 12 प्रतिशत या 350 से अधिक कर्मचारियों को कम करने की जरूरत है। इंटीरियर और रिनोवेशन प्लेटफॉर्म लिवस्पेस ने हाल ही में लागत में कटौती के उपायों के तहत कम से कम 100 कर्मचारियों की छंटनी की है। छंटनी करने वाले प्रमुख स्टार्टअप्स में बायजू , ओला, ओयो, मीशो, एमपीएल, लिवस्पेस इन्नोवेसर, उड़ान, अनएकेडमी और वेदांतु शामिल हैं। ऑनलाइन स्टोर के लिए सास प्लेटफॉर्म ने अपने लगभग 30 प्रतिशत कार्यबल को निकाल दिया- यह लगभग छह महीने में दूसरी छंटनी थी। हेल्थकेयर यूनिकॉर्न प्रिस्टिन केयर ने 350 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। ऑनलाइन उच्च शिक्षा कंपनी अपग्रेड ने अपनी सहायक कंपनी 'कैंपस' में लगभग 30 प्रतिशत स्टाफ को निकाल दिया।
दुनियाभर की टेक कंपनियों में छंटनी
आंकड़ों के मुताबिक जनवरी महीने में वैश्विक स्तर औसतन प्रतिदिन 3400 से अधिक टेक कर्मचारियों की नौकरी चली गई। जनवरी से अब तक 219 कंपनियों ने 68 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। स्टार्टअप्स में छंटनी की एक वजह इनके बिजनेस में आई कमी है। कोरोना काल में ऑनलाइन खरीद, बिक्री, सेवाएं बहुत प्रचलित हुईं । लेकिन जैसे जैसे हालात नॉर्मल होते गए ऑनलाइन बूम खत्म हो गया। लोग बाजार जाने लगे, स्टूडेंट्स कक्षाओं में जाने लगे और ये स्थिति पूरी दुनिया में बनी। ऐसे में डिजिटल स्टार्टअप्स का काम बैठ गया । सो लोगों की जरूरत भी नहीं रही। हां, एक रहस्य बना हुआ है कि घाटे में बने स्टार्टअप को जबर्दस्त फंडिंग कैसे मिलती गई है और अब भी मिल रही है।खूब फंडिंग होती है फिर भी काम आगे नहीं बढ़ता है।