Guru Poornima 2023: गुरु दक्षिणा में शिष्यों से माँगी शपथ, आगरा मस्जिद से वापस लायेंगे कृष्ण प्रतिमायें

Guru Poornima 2023: मुगलकाल से हो रहे अपमान को बंद न करा सके तो हमारी भक्ति-पूजा पर धिक्कार है ! जिसकी कथायें कहतें हैं, सुनते हैं, उसके विग्रहों को पैरों तले रौंदा जाता है, यह अपमान कब तक सहें ?लोकतान्त्रिक अधिकारों, आस्था और आक्रोश के साथ अपने कृष्ण को सम्मान दिलाने, सड़कों पर उतरेंगे सनातनी

Update: 2023-07-03 12:54 GMT

Guru Poornima 2023: ‘‘श्रीकृष्ण को मानने वाले प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है कि वे आगरा में मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे अपने अराध्य के विग्रहों को मुक्त कराने आगे आये । अगर गुरूदक्षिणा में कुछ देना चाहते हो तो केशवदेव विग्रहों को वापस लाने के लिये किसी भी रूप में अपना योगदान देने की शपथ लो ।’’ उक्त उद्बोधन करते हुये देवकीनंदन महाराज ने गुरुपूजन को आये शिष्यों से गुरुदक्षिणा में साथ और सहयोग माँगा ।

छटीकरा मार्ग स्थित श्रीप्रियाकान्तजु मंदिर पर हजारों की संख्या में शिष्यों ने अपने गुरू देवकीनंदन महाराज का चरण पूजन किया । दीक्षा-पूजन के उपरान्त जब वे प्रवचन देने लगे तो आगरा में जामामस्जिद की सीढियों में दबी श्रीकृष्णजन्मभूमि की केशवदेव प्रतिमाओं का जिक्र हो आया । उन्होने कहा कि औरंगजेब ने मथुरा के मंदिरों को तोड़कर हिंदुओं की आस्था को अपमानित करते हुये कृष्ण विग्रहों को मस्जिद की सीढ़ियों में दबवा दिया । प्रण लिया है कि कृष्ण प्रतिमाओं को अपमान से मुक्त कराकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर लायेगें ।

शिष्यों के कर्तव्य को याद दिलाते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि अगर गुरू का कोई संकल्प है तो शिष्यों का भी दायित्व है कि वे इसकों पूर्ण कराने में अपना सहयोग दें । भावुक होते हुये उन्होनें कहा कि हम लोगों को कृष्णकथा सुनाते हैं, पुराणों की कथायें कहते हैं, जब से पता लगा कि हमारे अराध्य को पैरों तले रौंदा जा रहा है, अपने पर शर्म आती है । कैसे हम इतने वर्षों से इस अत्याचार को सहते आ रहे हैं ? अगर इस अपमान को बंद न करा सके तो हमारी भक्ति-पूजा पर धिक्कार है ।

ठा0 श्रीप्रियाकान्तजु मंदिर संस्थापक देवकीनंदन महाराज ने इस कार्य में सहयोग माँगा तो हजारों शिष्यों ने हाथ उठाकर हर कदम पर साथ देने का संकल्प लिया । महाराज ने कहा कि जल्द ही इसके लिये एक बड़ा कदम उठाया जायेगा । हम सनातनी अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों, आस्था और आक्रोश के साथ अपने कृष्ण को सम्मान दिलाने सड़कों पर उतरेंगे । हमने भाईचारे का समय दिया है । लेकिन हमारे हर शान्ति प्रयास को ठुकराया गया है ।

गौरतलब है कि मुगलकालीन कई ऐतिहासिक पुस्तकों एवं लेखों में मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मथुरा के मंदिरों में तोड़फोड करने और कृष्ण प्रतिमाओं को आगरा ले जाकर मस्जिद की सीढ़ियों में दबवाने का स्पष्ट उल्लेख है । इन लेखकों में इस्लामिक, हिंदु और विदेशी लेखक शामिल हैं । हिंदु एवं सिक्खों की कई धार्मिक पुस्तकों में भी मुगल आकान्ताओं द्वारा हिंदू भावनाओं को कुचलने की घटनाओं का वर्णन है ।

इस आधार पर देवकीनदंन महाराज ने आगरा मस्जिद से कृष्ण विग्रहों की मुक्ति के लिये न्यायालय में याचिका लगाई है । इसमें आगरा मस्जिद इंताजामिया कमेटी, यूपी वक्फ बोर्ड एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान मथुरा को नोटिस जारी किये गये हैं । न्यायालय में अगली सुनवाई 11 जुलाई को है ।

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