Trending Video: खतरे में जिन्दगी- अमेरिका में रिकॉर्ड सुसाइड!
America Suicide Report: 2000 के दशक की शुरुआत से 2018 तक अमेरिकी आत्महत्याओं में लगातार बढ़ोतरी हुई है। उस वर्ष लगभग 48,300 लोगों की मौत आत्महत्या से हुईं थी।
America Suicide Report: जिस अमेरिका और ब्रिटेन की जिदंगी आप को सबसे ज़्यादा आकर्षित करती हैं। आप भारत की नागरिकता छोड़ कर उन देशों में बसना चाहते हैं। उन देशों की यह हक़ीक़त जानकर आपको बहुत दुख होगा कि आज की तारीख़ में अमेरिका में सबसे ज़्यादा सुसाइड होते हैं।आत्महत्याएं अमेरिका में सबसे ज़्यादा हैं। और कहा जा सकता है कि सेकेंड वर्ड वार के बाद के समय में यह जो साल चल रहा है। इस साल अमेरिका में सबसे अधिक लोगों ने अपनी जिंदगी खुद ख़त्म की। यानी आत्महत्या की।
यह आँकड़ा है-49,500 लोगों का। विशेषज्ञों का कहना है हाल ही में सुसाइड में हुई वृद्धि कई वजहों से प्रेरित हो सकती है, जिसमें डिप्रेशन की उच्च दर और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता शामिल है। अमेरिकन फाउंडेशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन में अनुसंधान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जिल हरकवी-फ्राइडमैन का कहना है कि इसका मुख्य कारण बंदूकों की बढ़ती उपलब्धता है। क्योंकि सुसाइड के तमाम तौर तरीक़ों में अपनी बंदूक़ से खुद को गोली मार कर के आत्महत्या करने के प्रकरण सबसे ज़्यादा सामने आये हैं। इसी के साथ बंदूक़ों की बिक्री में भी अमेरिका में तेज़ी आई है। आँकड़ा तो यहाँ तक कहता है कि अमेरिका के हर घर में एक बंदूक़ आज की तारीख़ में पहुँच ही गयी है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के विश्लेषण में गणना की गई है कि देश की कुल बंदूक आत्महत्या दर पिछले साल अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस बार काले किशोरों में गोरे किशोरों की तुलना में आत्महत्या की दर अधिक पाई गयी है।
2000 के दशक की शुरुआत से 2018 तक अमेरिकी आत्महत्याओं में लगातार बढ़ोतरी हुई है। उस वर्ष लगभग 48,300 लोगों की मौत आत्महत्या से हुईं थी। यानी यह कह सकते है प्रत्येक 100,000 पर 14.2 व्यक्ति की मौत आत्महत्या की वजह बनी। 2019 के आँकड़े बताते हैं कि आत्महत्या की दर में कमी आई। 2020 में कोरोना के चलते भी लोगों की आत्महत्या की दर कम पाई गयी।
कुछ विशेषज्ञों ने इसे युद्धों और प्राकृतिक आपदाओं के शुरुआती चरणों में देखी जाने वाली घटना से जोड़ा, जब लोग एक साथ आते हैं और एक-दूसरे का सपोर्ट करते हैं। लेकिन 2021 के आँकड़ों में आत्महत्या की दर में 4 फीसदी की बढ़ोतरी पाई गयी। पिछले साल आत्महत्या की संख्या 1,000 की बढ़ोतरी हुई। और 49,449 लोग आत्महत्या के चलते अपनी जिंदगी गँवा दिये। यह बढ़ोतरी पिछले वर्ष की तुलना में 3 फीसदी ज़्यादा थी।
सबसे अधिक वृद्धि वृद्ध वयस्कों में देखी गई। 45 से 64 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में मृत्यु दर लगभग 7 फीसदी बढ़ी। पर 65 या उससे अधिक आयु के लोगों में मृत्यु दर 8 फीसदी से अधिक बढ़ी। विशेष रूप से श्वेत पुरुषों की मृत्यु दरें बहुत हैं। 25 से 44 वर्ष के युवकों में आत्महत्या की दर में 1 फीसदी का इज़ाफ़ा देखा गया। आँकड़े बताते हैं कि 2022 में इस आयु वर्ग में सबसे ज़्यादा आत्महत्याएं हुई।
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र सीडीसी के अधिकारियों ने कहा कि 2022 में 10 से 24 वर्ष की आयु के लोगों में आत्महत्या में 8 फीसदी से अधिक गिरावट आई है। ऐसा युवकों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान देने और स्कूलों में किशोरों की बढ़ रही समस्या पर गौर फ़रमाने के चलते हो पाया। लेकिन यह कम संख्या भी तमाम परिवारों के लिए अवसाद का बहुत बड़ा कारण बनी। सीडीसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डेबरा हाउरी ने कहा है कि कई मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग लोग नौकरी खोने या जीवनसाथी को खोने जैसी समस्याओं का अनुभव करते हैं, उन्हें सहायता प्राप्त करने में कलंक और अन्य बाधाओं को कम करने में महत्वपूर्ण सहयोग देना ज़रूरी है।अब आप समझ सकते हैं कि जो देश विकास के चरम पर है, उन देशों में लोग अपनी जिंदगी से अपने जीवन शैली से कितने निराश हैं।