तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करेगा अमेरिका, 26/11 का ब्लूप्रिंट किया था तैयार

26/11 मुंबई हमलों में शामिल कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को भारत सौंपे जाने की प्रक्रिया शुरू, दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक प्रयास जारी हैं।

Newstrack :  Network
Update:2025-01-01 13:32 IST

Tahawwur Rana (Photo: Social Media)

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों में शामिल पाकिस्तान मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत को सौंपे जाने की संभावना है। इस दिशा में अब दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक चैनल्स के माध्यम से प्रयास शुरू हो गए हैं। अमेरिकी अदालत ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को वैध करार दिया है, जिसके बाद यह प्रक्रिया तेज हुई है।

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, तहव्वुर राणा को राजनयिक माध्यमों से भारत लाने की प्रक्रिया प्रगति पर है। अगस्त 2024 में, अमेरिकी अपील कोर्ट ने निर्णय लिया कि राणा को दोनों देशों के बीच तय प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को सौंपा जा सकता है।

अमेरिकी पैनल ने माना भारत के आरोपों को पुख्ता

अमेरिकी पैनल ने राणा के खिलाफ जारी किए गए आदेश की पुष्टि करते हुए उसकी गिरफ्तारी की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुंबई में आतंकवादी हमलों में उसकी कथित संलिप्तता का हवाला दिया गया था। पैनल ने माना कि भारत ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस फैसले का समर्थन करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, जिसमें राणा को प्रत्यर्पण के योग्य घोषित किया गया था। मुंबई पुलिस ने 26/11 हमलों से संबंधित चार्जशीट में राणा का नाम शामिल किया है और उस पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का आरोप लगाया है।

प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कानूनी पेच

हालांकि, प्रत्यर्पण प्रक्रिया में एक कानूनी पेच भी है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि में 'Non Bis in Idem' का एक अपवाद है, जिसका मतलब है कि अगर किसी आरोपी को पहले ही उसी अपराध के लिए दोषी ठहराया या बरी किया जा चुका हो तो वह अपवाद लागू होता है। अदालत ने यह भी कहा कि राणा के खिलाफ भारत में लगाए गए आरोप और अमेरिका में चलाए गए मामले अलग-अलग हैं, इसलिए यह अपवाद यहां लागू नहीं होता है।

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के करीब एक साल बाद FBI ने शिकागो में राणा को गिरफ्तार किया था। राणा और उसके साथी कोलमैन हेडली ने मिलकर मुंबई हमलों के लिए स्थानों का चयन किया था और पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए एक योजना तैयार की थी।

Tags:    

Similar News