अशरफ गनी पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार! सालोह संभालेंगे अफगान की कमान

Afghanistan: एक तरफ अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है पर वहीं, उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने खुद को देश का केयरटेकर प्रेसिडेंट घोषित कर दिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-08-18 11:34 GMT

अफगान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Socail media) 

Afghanistan: अफगानिस्तान पर तालिबान की ओऱ से कब्जा कर लने पर पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के हाथ में छोड़कर देश से भाग निकले थे। इस पर पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. ताजिकिस्तान में मौजूद अफगानिस्तान की एम्बेसी ने इंटरपोल से अशरफ गनी को गिरफ्तार करने की अपील की है। एम्बेसी की ओर से आरोप लगाया गया है कि अशरफ गनी और उनके साथी देश से पैसा लेकर भागे हैं, ऐसे में उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाए. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में इस मामले का फैसला किया जाए। अफगानी एम्बेसी ने अशरफ गनी के अलावा हमदल्लाह मोहेब और फजल महबूद फाज़िल को गिरफ्तार करने की अपील की है। बता दें कि जब तालिबान ने 15 अगस्त की रात को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पैलेस पर धावा बोला तबतक अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके थे।

पैसा लेकर भागने का लगा था आरोप

स्थानीय रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि अशरफ गनी अपने साथ कई कारें और हेलिकॉप्टर में पैसा लेकर गए हैं। इन आरोपों के बीच ये भी बात सामने आई थी कि अशरफ गनी को ताजिकिस्तान में उतरने नहीं दिया गया, ऐसे में वो अभी कतर में रुके हुए हैं और जल्द ही अमेरिका जा सकते हैं।

अशरफ गनी की जगह लगी अमरुल्‍ला सालेह की तस्‍वीर

वहीं, अफगानिस्‍तान राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद एस तरफ अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है पर वहीं, उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने खुद को देश का केयरटेकर प्रेसिडेंट घोषित कर दिया है।हीं, सालेह की घोषणा का असर ताजिकिस्तान में भी दिखा।

ताजिकिस्‍तान की राजधानी दुशांबे स्थित अफगानिस्‍तान के दूतावास ने अशरफ गनी की तस्‍वीर को उखाड़ फेंका है। उनकी जगह पर अब अमरुल्‍ला सालेह की तस्‍वीर लगा दी है। इसके बगल में ही पंजशीर प्रांत के शेर कहे जाने वाले कमांडर अहमद शाह मसूद की भी तस्‍वीर लगाई गई है। ताजिकिस्‍तान अफगानिस्‍तान से सटा हुआ देश है और सालेह भी ताजिक मूल के हैं। इस एलान के बाद तालिबान का पारा चढ़ना तय माना जा रहा है।

अमरुल्ला सालेह ने किया ये ट्वीट

बता दें कि सालेह ने नॉर्दन अलायंस की तरह अफगान नागरिकों से तालिबान के विरोध में खड़े होने की भी अपील की है। अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट कर कहा कि अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफा या मृत्यु में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। मैं वर्तमान में अपने देश के अंदर हूं और वैध देखभाल करने वाला राष्ट्रपति हूं. मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं।


कौन हैं अमरुल्ला सालेह

कम उम्र में अनाथ हुए सालेह ने गुरिल्ला कमांडर मसूद के साथ 1990 के समय लड़ाई लड़ी। इसके बाद उन्होंने अफगानिस्तान सरकार में अपनी सेवाएं दीं। सालेह ने बताया कि कट्टरपंथियों ने उन्हें पकड़ने के लिए उनकी बहन को प्रताड़ित किया था। बीते साल टाइम मैगजीन में लिखे लेख में उन्होंने बताया, '1996 में जो हुआ, उसके बाद तालिबान को लेकर मेरा नजरिया हमेशा के लिए बदल गया.' 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के बाद सालेह सीआईए के लिए अहम कड़ी बन गए थे।

इसी कड़ी में अफगानिस्तान में गठित हुई नई खुफिया एजेंसी नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टोरेट (NDS) तक पहुंच के लिए उनका रास्ता तैयार किया। माना जाता है कि एनडीएस प्रमुख के तौर पर सालेह ने उग्रवाद समूहों के अंदर और सीमा पार पाकिस्तान में मुखबिरों और जासूसों का बड़ा नेटवर्क तैयार किया था। उनकी तरफ से जुटाई गई खुफिया जानकारी इस बात का सबूत मिला कि पाकिस्तान की सेना ने तालिबान का समर्थन करना जारी रखा है।

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