पंजशीर घाटी में पहुंचा तालिबान, अफगानिस्तान में नई सरकार की आखिरी बाधा दूर
तालिबान नेता कारी याहया तकल ने पंजशीर घाटी में नार्दन एलांयस फ्रंट के पूर्व नेता अहमद शाह मसूद के चित्र वाली बिल्डिंग के सामने खड़े तालिबानियों की फोटो जारी करते दावा किया है कि पंजशीर घाटी पर तालिबान का पूरी तरह से कब्जा हो गया है।
नई दिल्ली: तालिबान ने आखिरकार पंजशीर घाटी पर अपना कब्जा जमा लिया है। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के एलान में अब कोई बाधा नहीं है। तालिबान नेता कारी याहया तकल ने पंजशीर घाटी में नार्दन एलांयस फ्रंट के पूर्व नेता अहमद शाह मसूद के चित्र वाली बिल्डिंग के सामने खड़े तालिबानियों की फोटो जारी की है। उन्होंने दावा किया है कि पंजशीर घाटी पर तालिबान का पूरी तरह से कब्जा हो गया है।
पाकिस्तान एयर फोर्स की मदद से पंजशीर घाटी पर बीती रात बड़ा हमला करने वाले तालिबान ने आखिरकार पंजशीर पर अपना कब्जा कायम कर लिया है। तालिबान प्रवक्ता ने सोमवार की सुबह भारतीय समयानुसार लगभग साढ़े 9 बजे एक बयान जारी कर दावा किया है कि उनका पंजशीर प्रांत पर पूरी तरह कब्जा हो गया है। तालिबान ने बताया कि पंजशीर में जो लोग भी विरोध कर रहे थे वह मारे गए हैं अथवा पंजशीर छोड़कर भाग गए हैं। तालिबान ने यह भी कहा है कि पंजशीर के लोगों को उनकी सरकार व उनसे कोई खतरा नहीं है। वह वहां रहने वाले आम लोगों को परेशान नहीं करेंगे। तालिबान ने पंजशीर घाटी का नया फोटो भी जारी किया है।
तालिबान का बयान आने के तुरंत बाद तालिबान नेता कारी याहया तकल ने लगभग दस बजे एक फोटो के साथ बयान जारी किया है। इस फोटो में एक बिल्डिंग दिखाई दे रही है जिसके पीछे नार्दन एलायंस फ्रंट के नेता अहमद शाह मसूद की फोटो लगी है। इस बिल्डिंग के सामने हथियारबंद तालिबानी खड़े हैं। उन्होने अपने बयान में कहा है कि पंजशीर प्रांत को विरोधी गुटों से पूरी तरह मुक्त करा लिया गया है।
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की अंतिम बाधा दूर
पंजशीर घाटी पर तालिबानियों के कब्जे के साथ ही अफगानिस्तान में सरकार गठन की अंतिम बाधा भी दूर हो गई है। दुनिया के देशों से तालिबान सरकार को मान्यता पाने के लिए जरूरी हो गया था कि पंजशीर का विद्रोह खत्म हो। ईरान सरकार ने भी एक दिन पहले कहा कि वह तालिबान सरकार को तभी मान्यता देगा जब उसे पूरे देश के लोगों का समर्थन हो और वह चुनी हुई सरकार हो। ऐसे में तालिबान ने तय कर लिया था कि पंजशीर का कांटा निकालकर की ताजपोशी की जाएगी। यही वजह है कि तालिबान सरकार का पूरा खाका तैयार होने के बावजूद पिछले शुक्रवार को सरकार का एलान नहीं किया गया। इस बीच अफगानिस्तान में हालांकि कुछ धर्मगुुरुओं व अन्य नेताओं ने पंजशीर में लड़ाई का यह कहकर विरोध किया कि अफगानिस्तान के दो भाइयों में जंग बर्दाश्त नहीं है। लोगोंं ने तालिबान से जंग बंद कर समझौते की राह निकालने की गुजारिश की है।
एनआरएफ चीफ अहमद मसूद ने ताजिकस्तान में ली शरण
पंजशीर के नेता अहमद मसूद ने भी एक दिन पहले समझौते की शर्तों की पेशकश करते हुए कहा था कि पहले जंग को रोका जाना चाहिए। लेकिन आईएसआई चीफ जनरल फैज हमीद के काबुल पहुंचने के बाद हालात बदल गए। तालिबान के उप प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बारादर भी जो पहले सभी पक्षों की मिली-जुली सरकार बनाने की वकालत कर रहे थे उन्होंने खामोशी अख्तियार कर ली। इस बीच तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि एनआरएफ चीफ अहमद मसूद ने ताजिकस्तान में शरण ले ली है। अब तालिबान को नई सरकार का एलान करने से रोकने वाला कोई नहीं है।
एनआरएफ का चीफ कमांडर भी मारा गया
तालिबान के अनुसार नेशनल रेजस्टिेंस फोर्स का चीफ कमांडर मोहम्मद सोहेल भी बीती रात हुई लड़ाई में मारा जा चुका है। एनआरएफ चीफ अहमद मसूद का भतीजा भी तालिबानियों से जंग में मारा गया है।