Afghanistan: तालिबान नेता मुल्ला बरादर से UN अवर महासचिव की मुलाकात, मानवीय मामलों पर हुई बातचीत
तालिबान नेता मुल्ला बरादर से रविवार को काबुल में विदेश मंत्रालय में मानवीय मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने मुलाकात की।
Afghanistan News: अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों के बीच एक ओर सत्ता के लिए संघर्ष हो रहा है तो वहीं, दूसरी ओर आम लोगों की हालत बेहद खराब हो गई है। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन से पहले तालिबान नेता मुल्ला बरादर से रविवार को काबुल में विदेश मंत्रालय में मानवीय मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स (Martin Griffiths) ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट कर कहा कि मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान के साथ अपना समर्थन और सहयोग जारी रखेगा।
वहीं, मार्टिन ग्रिफिथ्स ने ट्वीट कर कहा कि अफगानिस्तान में लाखों जरूरतमंदों को निष्पक्ष मानवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मैं तालिबान के नेतृत्व से मिला। इस बीच पंजशीर प्रांत में रविवार को हुई लड़ाई में रेसिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता और जाने-माने पत्रकार फहीम दश्ती की मौत हो गई। फहीम दश्ती अहमद मसूद के सहयोगी भी थे।
4 निजी विमानों को उड़ान भरने से तालिबान ने रोका
उधर, रविवार को अफगानिस्तान से सैकड़ों लोगों को दूसरे देशों में ले जाने का प्रयास कर रहे कम से कम 4 निजी विमानों को उड़ान भरने से तालिबान ने रोक दिया। अमेरिका पर भी अफगानिस्तान से निकलने के इच्छुक लोगों की मदद के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। अफगानिस्तान के उत्तरी हिस्से में स्थित शहर मजार-ए-शरीफ के हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ान भरने के इच्छुक लोग अफगान नागरिक थे और उनमें से कई के पास वीजा या पासपोर्ट नहीं थे जिसके कारण उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया गया। अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के बाद भी देश में कई ऐसे लोग हैं जो दूसरे देशों में जाना चाहते हैं।
अगले हफ्ते के लिए टाला तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन
वहीं. तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को अगले हफ्ते के लिए टाल दिया है। चरमपंथी संगठन के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने शनिवार को इसकी जानकारी दीष इसके पीछे की वजह तालिबान द्वारा एक व्यापक और समावेशी सरकार को आकार देने में कठिनाई का सामना करना है। तालिबान एक ऐसी सरकार का गठन करना चाहता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय मान्यता दे सके।
तालिबान के शनिवार को काबुल में नई सरकार के गठन की घोषणा करने की उम्मीद थी। माना जा रहा है कि इस सरकार का नेतृत्व संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के हाथों में होगा। ये दूसरा मौका है जब तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद से काबुल में नई सरकार के गठन को टाल दिया है। मुजाहिद ने इस मामले को लेकर अधिक जानकारी दिए बिना कहा कि नई सरकार और कैबिनेट सदस्यों के बारे में घोषणा अब अगले सप्ताह की जाएगी।