हिंसक बगावत के बाद सबके निशाने पर ट्रंप, नाराज सांसदों ने कर डाली ये बड़ी मांग
अमेरिका के कई सांसदों ने भी ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की है।
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद हिंसक बगावत के जरिए सत्ता में बने रहने की कोशिशों से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सबके निशाने पर आ गए हैं। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने यूएस कैपिटल भवन में ट्रंप समर्थकों के हंगामे को राजद्रोह बताया है। उन्होंने ट्रंप समर्थकों की भीड़ को घरेलू आतंकवादी बताते हुए इस घटना की निंदा की है।
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अमेरिका के कई सांसदों ने भी ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घटना से अमेरिकी लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा है और ऐसे राष्ट्रपति को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।
ट्रंप समर्थकों ने पहुंचाई लोकतंत्र पर चोट
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि ट्र॔प समर्थकों का यह व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस घटना ने अमेरिकी लोकतंत्र पर चोट पहुंचाई है और लोकतांत्रिक परंपरा को बचाए रखने के लिए अच्छी नीयत के साथ ही निजी हित और सत्ता से ऊपर उठकर दृढ़ संकल्प बनाए रखने की जरूरत है।
दूसरी ओर संसद के निम्न सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि यदि ट्रंप को 25वें संशोधन के तहत राष्ट्रपति पद से नहीं हटाया जाता है तो अमेरिकी संसद महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की ओर कदम बढ़ा सकती है। उन्होंने भी ट्रंप समर्थकों के इस व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की।
नाराज सांसदों ने खोला मोर्चा
दूसरी ओर अमेरिकी सांसदों ने भी ट्रंप समर्थकों के इस रवैये पर गहरी नाराजगी जताई है। कांग्रेस सदस्य स्टीवन होर्सफोर्ड ने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इलेक्टोरल कॉलेज के प्रमाणीकरण को दर्ज करें। उन्होंने कहा कि 1812 के युद्ध के बाद पहली बार अमेरिकी कैपिटल हिल में सेंधमारी की घटना हुई है।
कांग्रेस सदस्य ऑल ब्लूमेनायर ने इस घटना को लेकर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस और अमेरिकी कैबिनेट से ट्रंप को पद से तत्काल हटाने के लिए संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए ट्रंप को तत्काल पद से हटाना जरूरी है।
कांग्रेस सदस्य इलाहा उमर ने भी कहा कि सभी नेताओं को तख्तापलट की साजिश की निंदा करनी चाहिए और राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया जाना चाहिए। इन सांसदों के अलावा अयान्न प्रिस्ले, जिम्मी गोम्स, कैथे मैनिंग और एंथनी ब्राउन ने भी राष्ट्रपति विक्रमपुर को तत्काल पद से हटाने की मांग की है।
रिपब्लिकन पार्टी के साथी भी नाराज
ट्रंप समर्थकों के इस कदम से विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ही नहीं बल्कि उनकी रिपब्लिकन पार्टी और सरकार के साथी भी नाराज हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक उनके कुछ कैबिनेट सहयोगियों ने भी आर्टिकल 25 लागू करने पर आपसी चर्चा की है। इस आर्टिकल के तहत कैबिनेट बहुमत से ट्रंप को कार्य करने में अक्षम बताते हुए राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य ठहरा सकती है।
ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति माइक पेंस कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाल लेंगे। हालांकि कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि ट्रंप अब कुछ ही दिनों के लिए अपने पद पर रहेंगे। ऐसे में इस कार्यवाही का कोई तुक नहीं बनता।
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ट्रंप को तत्काल पद से हटाने की मांग
डेमोक्रेट सांसदों ने भी ट्रंप को तत्काल पद से हटाने की मांग की है। इन सांसदों ने पेंस को लिखे एक पत्र में कहा कि जब आप संसद सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे तभी ट्रंप समर्थकों ने बगावत की कोशिश की और वे बिडेन की जीत पर मुहर लगने से रोकने के लिए संसद तक घुस गए।
उन्होंने कहा कि समर्थकों ने ट्रंप के भड़काने पर ही यह बड़ा कदम उठाया है। इससे साफ है कि ट्रंप का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और वे अभी भी वे अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहा है।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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