चीन से ही निकला Coronavirus! दुनिया में फैलने से पहले बीमार हुए थे Wuhan Lab के 3 स्टाफ
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी फैलने से ठीक पहले नवंबर 2019 में वुहान लैब के तीन स्टाफ बीमार पड़े थे,
वॉशिंगटन: करीब डेढ़ साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी (Corona pandemic) से कराह रही है। सबसे पहले कोरोना वायरस (Coronavirus) ने चीन में जन्म लिया। चीन के बाद पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैली, जिसने लोगों के जीवन को ही बदल दिया। इस वायरस ने करोड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया और लाखों जिंदगियां निगल लीं। इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर अभी भी सबके मन में सवाल है।
दुनिया इस कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार मान रही है, जबकि चीन इससे पल्ला झाड़ता रहा है। साथ ही चीन पर वायरस को लैब में बनाने और इससे जुड़े आंकड़े छिपाने के भी आरोप लगे जिसकी WHO की ओर से जांच भी की गई। इस बीच चीन की वुहान लैब (Wuhan Institute of Virology) को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है।
चीन पर फिर उठे सवाल
एक रिपोर्ट में अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के हवाले से लिखा गया कि कोरोना महामारी फैलने से ठीक पहले नवंबर 2019 में वुहान लैब के तीन स्टाफ बीमार पड़े थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इन शोधकर्ताओं में कोरोना संक्रमण के लक्षण थे। इसके महीनेभर बाद ही यानी दिसंबर-जनवरी में चीन की ओर से कोरोना महामारी फैलने की बात दुनियाभर में सार्वजनिक की गई थी।
सिर्फ इतना ही नहीं अमेरिकी की इस खुफिया रिपोर्ट में लैब में बीमार हुए रिसर्चर्स, वक्त और उनके अस्पताल में भर्ती होने की डिटेल भी दी गई है। यह खुफिया रिपोर्ट ऐसे समय में उजाकर हुई है जब WHO की आगामी बैठक में कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चर्चा का अनुमान है।
चीन के खिलाफ अमेरिका का सख्त रुख बरकरार
आपको बता दें कि नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की प्रवक्ता ने रिपोर्ट पर कमेंट करने से इनकार करते हुए चीन पर अपने आरोपों को दोहराया है। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन लगातार चीन की भूमिका को मानता रहा है और वायरस की शुरुआत को लेकर उस पर गंभीर सवाल उठ चुके हैं। आगे प्रवक्ता ने ये भी कहा कि अभी कई सवालों के जवाब मिलना बाकी हैं और WHO भी वायरस की उत्पत्ति को लेकर खोजबीन करने में जुटा हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की सियासी दखल नहीं दी जा रही है।
चीन ने मिटा दिए सबूत
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम कोरोना वायरस के तथ्यों की जांच के लिए वुहान भी गई थी, लेकिन चीन ने कुछ क्षेत्रों में जांच नहीं करने दी या फिर सभी सबूत मिटा दिए। इस जांच में डब्ल्यूएचओ के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लग पाया, जिसके चलते यह पुष्टि नहीं हो पाई कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से फैला है। वहीं अमेरिका, नॉर्वे, कनाडा और ब्रिटेन समेत कई देशों ने कोरोना की उत्पत्ति को लेकर WHO की ओर से की जा रही स्टडी पर सवाल उठाए थे। साथ ही इन देशों ने चीन पर वायरस के बारे में शुरुआती जानकारी छिपाने के आरोप भी लगाए थे।