US: अमेरिका ने मार गिराया एक और संदिग्ध फ्लाइंग ऑब्जेक्ट, बाइडेन के आदेश पर हुई कार्रवाई

US: रिपोर्ट्स में व्हाइट हाउस के हवाले से बताया गया कि जिस समय में इस आब्जेक्ट को मार गिराया गया, उस समय ये 40 हजार फीट की ऊंचाई पर था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-02-11 02:57 GMT

President Joe Biden (फोटो: सोशल मीडिया )

US: अमेरिकी आसमान में उड़े रहे एक और संदिग्ध फ्लाइंग आब्जेक्ट को अमेरिकी एयरफोर्स ने मार गिराया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को अलास्का के आसमान में उड़ रहे एक फ्लाइंग आब्जेक्ट को अमेरिका फाइटेर जेट ने मार गिराया गया। रिपोर्ट्स में व्हाइट हाउस के हवाले से बताया गया कि जिस समय में इस आब्जेक्ट को मार गिराया गया, उस समय ये 40 हजार फीट की ऊंचाई पर था। राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर यूएस एयरफोर्स ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया ।

भारतीय समय के मुताबिक, शुक्रवार रात 1 बजे इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह फ्लाइंग आब्जेक्ट एक छोटी कार के आकार का था। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि मलबे को निकालने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा कि यह उस चीनी जासूसी गुब्बारे से काफी छोटा है, जिसे पिछले हफ्ते मार गिराया गया था। इस संदिग्ध फ्लाइंग आब्जेक्ट के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चला है। ये कहां से आया और इसका क्या मकसद, इसकी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।

ये घटना ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में अमेरिका के आसमान में उड़ रहे एक संदिग्ध चीनी बैलून को लेकर अमेरिका और चीन के बीच एकबार फिर तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने इस संदिग्ध बैलून को जासूसी बैलून करार दिया था और कई दिनों की निगरानी के बाद उसे मार गिराया। इस पर चीन नाराज हो गया। उसने अमेरिका पर जानबूझकर मामले को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया। चीन का कहना था कि ये कोई जासूसी नहीं बल्कि मौसम का पता लगाने वाला गुब्बारा था, जो गलती से अपना रास्ता भटक गया था।

चीन इन स्पाई बैलून के जरिए सैन्य ठिकानों पर रखता है नजर 

अमेरिकी खुफिया एजेंसी का कहना है कि चीन इन स्पाई बैलून के जरिए दुनियाभर के सैन्य ठिकानों पर नजर रखता है। ड्रैगन ने अभी तक जिन देशों की जासूसी कराई है, उनमें भारत भी शामिल है। बता दें कि चीन हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में समय-समय पर अपना स्पाई शिप भेजता रहा है ताकि भारत के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों के बारे में जानकारी हासिल कर सके।

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