पेडा: एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगलवार (21 नवंबर) को म्यांमार पर रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय पर रंगभेद व्यवस्था लागू करने का आरोप लगाया। कहा, कि भेदभाव की संस्थागत प्रणाली मानवता के खिलाफ अपराध है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, मानवाधिकार समूह ने म्यांमार के राखिने राज्य में रोहिंग्या संकट पर दो साल की जांच के बाद एक रिपोर्ट जारी की है।
एमनेस्टी ने कहा, कि 'रोहिंग्या राज्य प्रायोजित, संस्थागत भेदभाव की एक दोषपूर्ण प्रणाली में फंस गए हैं, जो रोहिंग्या के जीवन के सभी पहलुओं को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करता है।'
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2012 से रोहिंग्याओं का दमन बढ़ा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की वरिष्ठ शोध निदेशक एना नीस्तैत ने एक बयान में कहा, 'म्यांमार प्रशासन रोहिंग्या महिलाओं, पुरुषों व बच्चों को अलग-अलग रखे हुए है, जो अमानवीय रंगभेद प्रणाली से त्रस्त हैं।' संगठन ने कहा कि राखिने में रोहिंग्या समुदाय व बौद्धों के बीच सांप्रदायिक संघर्ष शुरू होने से 2012 से रोहिंग्याओं का दमन बढ़ा है।
राज्य प्रायोजित भेदभाव के कदम से रोहिंग्या लोगों की आजादी के अधिकार सीमित हो गए हैं, जिससे रोजगार, स्वास्थ्य व शिक्षा में बाधा पैदा हो रही है।
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आईएएनएस