बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ा महंगा, बरसाईं गोलियां, बिछ गईं लाशें ही लाशें
बेरोजगारी और भ्रष्टाचार सभी देश में मुद्दा है और इसके खिलाफ प्रदर्शन भी होते हैं, लेकिन इराक में इसके खिलाफ प्रदर्शन करना लोगों को भारी पड़ गया। शुक्रवार को राजधानी बगदाद में प्रदर्शनकारियों के हिंसक रूप को देखकर सुरक्षाबलों ने उनपर फायरिंग कर दी।
नई दिल्ली: बेरोजगारी और भ्रष्टाचार सभी देश में मुद्दा है और इसके खिलाफ प्रदर्शन भी होते हैं। लेकिन इराक में इसके खिलाफ प्रदर्शन करना लोगों को भारी पड़ गया।शुक्रवार को राजधानी बगदाद में प्रदर्शनकारियों के हिंसक रूप को देखकर सुरक्षाबलों ने उनपर फायरिंग कर दी। इसमें फायरिंग में 31 लोगों की मौत हो गई है, तो वहीं 1500 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। बता दें कि बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर इराक में एक हफ्ते से विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
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विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इराकी इंडिपेंडेंट हाई कमीशन फॉर ह्यूमन राइट्स' (IHCHR) के एक सदस्य अली अल-बयाती ने पत्रकारों से कहा कि बगदाद और कुछ प्रांतों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में दो सुरक्षाकर्मियों से 31 लोगों की मौत हो गई है। 1500 घायलों में 401 सुरक्षाबलों के जवान हैं।
बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आम जरूरतों की कमी को लेकर कुछ दिनों से राजधानी बगदाद और इराक के कई प्रांतों में प्रदर्शन हो रहे हैं। बगदाद में प्रदर्शन ने हिंसक हो गए, क्योंकि प्रदर्शनकारी और पुलिस में भिड़ंत हो गई।
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इराक के अलग प्रांतों में भी विरोध प्रदर्शन फैल गया है। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी भवनों और प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर हमला बोल दिया है और उसमें आग लगा दी है। बगदाद में कल सुबह 5 बजे से कर्फ्यू लगाए जाने के बावजूद छिटपुट विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
रक्षा मंत्री नजह अल-शम्मारी के एक बयान के मुताबिक उन्होंने राज्य की संप्रभुता को बनाए रखने और इराक में सक्रिय सभी विदेशी दूतावासों और राजनयिक मिशनों की रक्षा के लिए इराकी सशस्त्र बलों के लिए 'अलर्ट' को बढ़ाने का फैसला लिया है।
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इराक के प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल मेहदी का कहना है कि सरकार की तरफ से प्रदर्शनकारियों पर सख्त कदम लिए जा रहे हैं, कई इलाकों में इंटरनेट की सुविधा भी काट दी गई है।
इसलिए लोग कर रहे प्रदर्शन?
बता दें कि इराक की अर्थव्यवस्था इस साल की शुरुआत से ही गड़बड़ाई हुई है जिसकी वजह से विपक्षी पार्टियां, कई संगठन और आम लोग सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।
इराक में चौथा सबसे बड़ा देश है जिसके पास तेल का बड़ा रिजर्व है। फिर भी इस देश की 40 मिलियन आबादी गरीबी रेखा से नीचे है, जिसकी वजह से रोजगारी का संकट बढ़ता जा रहा है।