यमन: यमन की सरकार को सहयोग कर रहे सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने सोमवार से लागू संयुक्त राष्ट्र के युद्ध विराम को सम्मान देने की बात कही है। गौरतलब है कि ईरान से सहायता पा रहे हूती विद्रोही यमन की सरकार को अपदस्थ करने का प्रयास कर रहे हैं।
एक साल से अधिक समय से चल रही इन दोनों पक्षों की लड़ाई के बीच अब तक छह हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 20 लाख विस्थापित चुके हैं। इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए समझौता वार्ता इस महीने बाद में कुवैत में रखी जाएगी।
युद्ध विराम का स्वागत
-यमन में यूएन के विशेष राजदूत, इस्माइल ओल्द शेख अहमद ने, युद्ध विराम का स्वागत किया है।
-वह इसे जटिल, अति महत्वपूर्ण और अति आवश्यक बता रहे हैं।
-उन्होंने कहा कि ये समझौता युद्ध कार्यों की समाप्ति के साथ ही आम लोगों के लिए ।
-अहमद ने आगे कहा, यमन अब और अधिक जिंदगियों का नुकसान सहन नहीं कर सकता।
सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने ये कहते हुए एक बयान जारी किया कि 'वे युद्धविराम को मानने जा रहे हैं। राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी की मांग पर लेकिन किसी भी विद्रोही हमले का जवाब देने का अधिकार वह सुरक्षित रखते हैं।'
हूतियों के प्रवक्ता ने कहा कि विद्रोही भी अपनी सेनाओं पर हुए किसी भी तरह के हमले का जवाब देंगे।
इससे पहले यूएन प्रायोजित समझौता वार्ता प्रगति में असफल साबित हो चुकी है। बीते दिसंबर के युद्धविराम को बार-बार उल्लंघन के बाद हटा लिया गया था।
क्या कहा राष्ट्रपति हादी ने?
राष्ट्रपति हादी ने कहा कि वह कुवैत की बातचीत को गंभीरता से ले रहे थे।
लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि हूती यूएन सुरक्षा परिषद के प्रतिंबध को स्वीकार करने के लिए सहमत हो।
वे कब्जे में लिए गए इलाकों से वापस जाएं और लड़ाकों को वापस बुलाए।