चीन के अखबार में छपा लेख, भारत के NSG में जाने से खुद को खतरा बताया

Update:2016-06-15 02:01 IST

बीजिंगः परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास का विरोध करते हुए चीन की आधिकारिक मीडिया ने कहा है कि भारत की सदस्यता पाकिस्तान की ‘दुखती रग’ को और दबाएगी। साथ ही कहा गया है कि इससे चीन के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा पैदा होगा।

चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपे एक लेख में कहा गया है कि भारत की एनएसजी की सदस्यता क्षेत्र में परमाणु टकराव की शुरुआत होगी। इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों इस क्षेत्र की परमाणु ताकतें हैं। लेख में कहा गया है, पाकिस्तान भारत के साथ परमाणु ताकत में बड़ा फर्क देखने का इच्छुक नहीं है, ऐसे में इसका नतीजा परमाणु हथियारों की होड़ हो सकता है। इससे चीन के राष्ट्रीय हितों के लिए भी खतरा पैदा होगा।

बता दें कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आगामी 24 जून को होने जा रही एनएसजी की बैठक से पहले चीन के सरकारी अखबार ने कहा, पिछले सप्ताह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश को एनएसजी में प्रवेश दिलाने के लिए समर्थन हासिल करने के मकसद से दुनिया के कई हिस्सों का दौरा किया। अमेरिका और एनएसजी के कुछ सदस्यों ने भारत की सदस्यता के प्रयास को समर्थन दिया है, लेकिन चीन और अन्य देशों के विरोध से भारत परेशान हो गया लगता है।

बताते चलें कि एनएसजी में 48 देश हैं। इनमें से चीन, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया ने भारत की दावेदारी का विरोध किया है। ‘ग्लोबल टाइम्स’ के लेख में कहा गया है कि चीन इस बात पर जोर देता है कि भारत के प्रवेश से पहले उसको एनपीटी पर हस्ताक्षर करना चाहिए। एनएसजी में शामिल होने के लिए भारत के अपने आकलन हैं। एनएसजी में भारत की पहुंच से भारत के घरेलू परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार खुल सकता है।

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