चीनी वैक्सीन की बिक्री के लिए सेल्समैन बने इमरान, खाड़ी के देशों से खरीदने की गुहार
इमरान खान अपने सदाबहार दोस्त चीन की वैक्सीन के लिए सेल्समैन तक की भूमिका निभाने को तैयार हो गए हैं।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सदाबहार दोस्त चीन की वैक्सीन के लिए सेल्समैन तक की भूमिका निभाने को तैयार हो गए हैं। सऊदी अरब और खाड़ी के दूसरे अन्य देशों ने अभी तक चीनी वैक्सीन के प्रति कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इमरान खान चीनी वैक्सीन के प्रति खाड़ी देशों की इस बेरुखी को दूर करने की कोशिश में जुट गए हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने खुद इस बात का खुलासा किया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान ने खाड़ी के देशों से गुजारिश की है कि उन्हें चीनी वैक्सीन खरीदने में दिलचस्पी लेनी चाहिए।
खाड़ी के देशों से साधा संपर्क
पाकिस्तान के गृह मंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान ने खुद कैबिनेट को इस बाबत जानकारी दी है कि वे खाड़ी के देशों के लगातार संपर्क में बने हुए हैं। उन्होंने चीन की वैक्सीन सिनोफार्म को बेहतरीन बताते हुए चीन की ओर से की गई मदद के लिए आभार भी जताया है।
इस्लामाबाद में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राशिद ने कहा कि इमरान खान खाड़ी देशों में चीनी वैक्सीन की स्वीकार्यता बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पिछले महीने ही चीनी कंपनी की ओर से तैयार की गई सिनोफार्म वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
वैक्सीन के असर को लेकर आशंकाएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भले ही चीनी वैक्सीन को मंजूरी मिल गई हो मगर अभी भी तमाम देश इस वैक्सीन के असर और प्रभाव को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। यही कारण है कि वे इस वैक्सीन को खरीदने में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
प्रसिद्ध अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने पिछले दिनों स्वीकार किया था कि इस वैक्सीन में सुधार की आवश्यकता है और यह संक्रमण से बचाव में ज्यादा असरकारक नहीं है। सीडीसी के डायरेक्टर जॉर्ज गाओ ने खुद टीके के प्रभावी न होने की बात स्वीकार की थी। उनका कहना था कि इसे प्रभावी बनाने के लिए वैक्सीन को बदलने की जरूरत है।
बयान पर चीन का स्पष्टीकरण
गाओ का यह बयान सार्वजनिक होने के बाद चीन को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी और उसने पूरे मामले पर पर्दा डालने की भी भरपूर कोशिश की थी। हालांकि गाओ का यह बयान सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ। इस बयान पर चीन की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया था कि गाओ के बयान को अलग संदर्भ में पेश किया जा रहा है।
चीन के स्वास्थ्य कमीशन की ओर से दावा किया गया है कि चीन की वैक्सीन की विश्व में काफी डिमांड है और अब तक चीन की ओर से 80 देशों को चिकित्सा मदद मुहैया कराई गई है। चीन ने दुनिया के 43 देशों को वैैक्सीन की 30 करोड़ डोज मुहैया कराने का दावा किया है।
पाक में वैक्सीनेशन चीन के भरोसे
पाकिस्तान का पूरा वैक्सीनेशन अभियान चीन के भरोसे ही चल रहा है। टीकाकरण केंद्रों पर चीन की वैक्सीन ही लगाई जा रही है। हाल के दिनों में चीन की ओर से वैक्सीन की कम आपूर्ति किए जाने के कारण पाकिस्तान के कई टीकाकरण केंद्र वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहे हैं।
हालांकि पाकिस्तान के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अफसरों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है और अभियान पूरी तेजी से चल रहा है। दूसरी ओर कई स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें टीकाकरण केंद्रों से निराश होकर लौटना पड़ा क्योंकि वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं थी।