कोरोना पॉजिटिव होने पर यहां दिखाए जांच रिपोर्ट और घर बैठे पाए 94 हजार रुपए

इतनी बड़ी रकम देने के पीछे तर्क ये है कि ज्यादा से लोग अपनी जांच कराए और कोरोना संक्रमित पाए जाने पर खुद ही आगे बढ़कर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचाए ताकि समय रहते उनका इलाज हो सके।

Update: 2020-08-08 13:18 GMT
कोरोना टेस्ट करते हुए डॉक्टर की फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: लोकलाज और महंगे इलाज के डर से भारत समेत दुनिया के तमाम बड़े मुल्कों में जहां एक तरह लोग खुद के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर केस छिपाने में जुटे हुए हैं। वहीं आज दुनिया में एक ऐसा देश भी है जो कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि होने पर व्यक्ति को करीब 94 हजार रुपये की आर्थिक मदद दे रहा है।

इतनी बड़ी रकम देने के पीछे तर्क ये है कि ज्यादा से लोग अपनी जांच कराए और कोरोना संक्रमित पाए जाने पर खुद ही आगे बढ़कर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचाए ताकि समय रहते उनका इलाज हो सके और कोरोना से होने वाली मौत को रोका जा सके। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से:-

दरअसल अमेरिका के कैलिफोर्निया के एक काउंटी ने तय किया है कि कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि होने पर व्यक्ति को करीब 94 हजार रुपये दिए जाएंगे।

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कोरोना वायरस के सैम्पल की फ़ाइल फोटो

इलाज के लिए पैसे की नहीं होगी टेंशन

ये रुपए उन्हें इसलिए दिए जाएंगे ताकि इलाज के दिनों में उन्हें खाने के खर्च, रेंट और फोन का बिल चुकाने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। उन्हें इस पैसे से अपने जरूरी कामों को निपटाने में मदद मिले सके।

कैलिफोर्निया के अलामेडा काउंटी के सुपरवाइजर्स बोर्ड के अधिकारियों ने कहा की कोरोना से संक्रमित होने के बाद कई लोग दो हफ्ते तक क्वारनटीन और आइसोलेट रहना अफोर्ड नहीं कर सकते। इसी वजह से उनकी मदद करने के लिए इस तरह का कदम उठाया गया है।

अलामेडा काउंटी का ऐसा मानना है कि इस तरह का कदम उठाए जाने के बाद कोरोना संक्रमित होने पर लोग खुद आगे आकर अपने बारे में बतायेंगे, साथ ही आइसोलेट होने के लिए प्रेरित होंगे और इसकी वजह से टेस्ट कराने के लिए भी लोग हिचकिचाएंगे नहीं। बल्कि खुद से जाकर अपनी जांच भी करायेंगे।

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तो इसलिए उठाया ऐसा कदम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बोर्ड का कहना है कि अगर लोग टेस्ट कराने से डरने लग जाएं या फिर आइसोलेट न हो सकें तो वायरस को रोकने की योजना सफल नहीं हो पाएगी। इसे देखते हुए ही काउंटी के बोर्ड ने सर्वसम्मति से पायलट प्रोग्राम के तहत कोरोना की पुष्टि होने पर 94 हजार रुपये देने का फैसला किया है।

लेकिन इसके लिए एक शर्त ये भी लगा रखी है कि 94 हजार रुपये की मदद लेने के लिए व्यक्ति को संबंधित क्लिनिक में खुद से टेस्ट कराना होगा। यह भी जरूरी होगा कि व्यक्ति को पेड सिक लीव ना मिल रही हो और ना ही बेरोगजारी भत्ता वह पहले से प्राप्त कर रहा हो। लेकिन उसे अपनी जांच रिपोर्ट दिखानी होगी और अगर कोरोना केस कन्फर्म है तभी उसे ये रकम दी जाएगी।

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