Coronavirus Omicron Variant: कोविड का नया वैरिएंट पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था के लिए खतरा

Coronavirus Omicron Variant Updates: कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने भारत समेत एशिया और पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

Written By :  Raj Kumar Singh
Published By :  Shreya
Update:2021-11-30 13:48 IST

अर्थव्यवस्था (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Coronavirus Omicron Variant Updates: कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Covid-19 New Variant) ने भारत समेत एशिया और पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था (World Economy) को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पाए गए इस नए वैरिएंट का धीरे धीरे पटरी पर लौट रही अर्थव्यस्था  पर क्या और कितना असर (Omicron Variant Ka Economy Par Asar) होगा इसको लेकर आकलन शुरू हो गए हैं। अर्थशास्त्री (Economist) अपने अपने हिसाब से इसकी व्याख्या में जुट गए हैं। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी मोर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने अपनी हाल ही में जारी एक रिसर्च रिपोर्ट (Morgan Stanley Research Report) में कहा है कि नया कोविड वैरिएंट ओमिक्रॉन भारतीय (Indian Economy) और एशियाई अर्थव्यवस्था (Asian Economy) के लिए खतरा हो सकता है।

मोर्गन स्टेनली की 'असेसिंग द रिस्क फ्राम न्यू कोविड वैरिएंट' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ओमिक्रॉन का प्रकोप भारत (Omicron Variant In India) में बढ़ता है तो एक बार फिर से लाकडाउन (Covid Lockdown) जैसे हालात बन सकते हैं। कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। जैसे कि पहले की कोविड की दो लहरों के दौरान लगाए गए थे। इसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर (Bhartiya Arthvyavastha Par Asar) पड़ सकता है। 

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

एशिया के देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर

मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ भारत पर ही नहीं बल्कि एशिया के कई अन्य देशों की अर्थव्यवस्था पर भी ओमिक्रॉन का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार चूंकि भारत समेत कई एशियाई देशों में बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीन (Corona Vaccine) लग चुकी है। ऐसे में इसका असर उतना खराब भी नहीं होगा। भले ही ओमिक्रॉन पहले के डेल्टा वायरस के मुकाबले ज्यादा खतरनाक हो लेकिन वैक्सीनेशन के कारण इसका अर्थव्यवस्था पर असर उतना बुरा नहीं होगा जितना डेल्टा वायरस के कारण 2020 और 2021 में हुआ था। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि ओमिक्रॉन के ग्लोबल इम्पैक्ट के कारण भारत और एशिया की सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है जो अच्छा नहीं होगा। 

आकलन में जुटे अर्थशास्त्री

ये तो बात थी मोर्गन स्टेनली की हाल ही रिपोर्ट की। लेकिन दुनिया की अन्य संस्थाएं और अर्थशास्त्री भी ओमिक्रॉन के दुनिया की अर्थव्यस्था पर क्या असर पड़ेगा इसका आकलन करने में जुट गए हैं। अमेरिका में भी इसे लेकर चिंता जताई जा रही है। 

इकोनॉमी (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

भारत में सुधर रही अर्थव्यवस्था

यदि भारत की बात करें तो 2021 की अंतिम तिमाही व्यापार और अर्थव्यस्था के लिए काफी बेहतर रही है। त्योहारी सीजन (Festive Season) और शादियों (Wedding Season) के चलते अर्थव्यस्था पटरी पर लौटी है। करीब दो साल बाद व्यापारियों के चेहरे खिले हैं। आने वाले कुछ महीनों में शादियों के सीजन के चलते बंपर बिजनेस की उम्मीद है। खासतौर से रिटेल के क्षेत्र में। इसके अलावा हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार प्रापर्टी के क्षेत्र में सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। बड़े शहरों में घरों की मांग बढने से हाउसिंग सेक्टर भी सुधरा है।

कोविड के दौरान सबसे बुरा असर एविएशन, पर्यटन और होटल इंडस्ट्री पर पड़ था। अब यहां भी सुधार है। लेकिन कोविड के नए वैरिएंट से सबसे बड़ा खतरा भी इसी क्षेत्र पर है। सबसे पहले इन्हीं क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगता है। हालांकि अभी तक भारत में ओमिक्रॉन का कोई बड़ा खतरा सामने नहीं आया है। लेकिन कोविड की दो वेव झेल चुका हमारा देश कोई भी चुनौती को हल्के में नहीं ले सकता है। ऐसे में पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था को लेकर फिर से एक बार चिंताएं बढ़ना स्वाभावित ही है।

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