Coronavirus Third Wave: तीसरी लहर लाएगा डेल्टा प्लस, बेहद संक्रामक है ये वेरियंट

Coronavirus Third Wave: कोरोना वायरस का डेल्टा वेरियंट सबसे पहले भारत में पाया गया था लेकिन नेपाल में फैलने के साथ साथ ये और म्यूटेट हो गया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-06-19 08:38 GMT

कोरोना वायरस (कॉन्सेप्ट फोटो- सोश मीडिया)

Coronavirus Third Wave: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में भारत में भारी तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरियंट ने अब अपना चोला बदल लिया है और पहले से ज्यादा खतरनाक डेल्टा प्लस के रूप में फैल रहा है। यह वेरिएंट एंटीबॉडी कॉकटेल से मिली सुरक्षा को चकमा दे सकता है। इसके खिलाफ वैक्सीन के असरदार होने पर भी संदेह है।

मन जा रहा है कि महाराष्ट्र में महामारी की तीसरी लहर यही डेल्टा प्लस वेरियंट ले कर आएगा। इस वेरियंट से संक्रमित मरीज बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मिले हैं। महाराष्ट्र की कोविड टास्क फोर्स ने तो चेतावनी दी है कि डेल्टा प्लस की वजह से राज्य में तीसरी लहर चंद हफ़्तों में आने की आशंका है। वैसे भारत सरकार ने कहा है कि डेल्टा प्लस वेरियंट पर काम किया जा रहा है और फिलवक्त चिंता की कोई बात नहीं है।

नेपाल में हुआ था म्यूटेट

डेल्टा प्लस वेरियंट (ए वाइ.1.) दरअसल डेल्टा वेरियंट से निकला हुआ है। डेल्टा वेरियंट सबसे पहले भारत में पाया गया था लेकिन नेपाल में फैलने के साथ साथ ये और म्यूटेट हो गया है। इस नेपाल म्यूटेशन को सबसे पहले ब्रिटेन ने पहचाना था। ब्रिटेन में इसके शुरुआती 5 केस वो थे जो नेपाल व टर्की से आये लोगों के संपर्क में आये थे।

इंग्लैंड की स्वास्थ्य एजेन्सी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मुताबिक़ अब तक 63 प्रकार के अलग-अलग वैरिएंट की पहचान की गई है, जिनमें से 6 भारतीय वैरिएंट हैं। पूरे यूनाइटेड किंडम में 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट के कुल 36 मामले हैं और अमेरिका में 6 प्रतिशत मामले डेल्टा प्लस वैरिएंट के हैं।

इम्यूनिटी बेअसर

विख्यात वाइरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील का कहना है कि बी.1.617.2 यानी डेल्टा वेरियंट ने स्पाइक प्रोटीन को बदल कर एवाइ.1. वेरियंट बना दिया है। इस बदलाव की विशेषता ये है कि इसमें पुराने बीटा वेरियंट के भी अंश हैं। सो, नए पुराने के मेल से ऐसा वायरस का ऐसा रूप सामने आ गया है जिसके खिलाफ इम्यूनिटी बेअसर साबित हो सकती है। इस पर और रिसर्च करने की जरूरत है। वैसे, ये बदलाव चिंताजनक है। ये तो पता चल चुका है कि एन्टीबॉडी कॉकटेल दवा का डेल्टा प्लस पर कोई असर नहीं होता है।

बंगाल में तेजी से फैल रहा संक्रमण

एक ओर जहां डेल्टा प्लस की आहट है वहीं बेहद खतरनाक डेल्टा वेरियंट का प्रकोप अभी शांत नहीं हुआ है। बल्कि बंगाल में तो ये तेजी से फैल रहा है। बंगाल में पिछले 15 दिनों में मिले संक्रमितों में से 90 प्रतिशत सैंपलों में डेल्टा वेरिएंट पाया गया है। यह वेरिएंट एक संक्रमित व्यक्ति से चार लोगों में फैलता है और इसने संक्रमण दर को बढ़ाकर 1.36 कर दिया है। जबकि नेशनल औसत 0.78 पर आ चुका है।


लगातार म्यूटेशन

वायरस की खासियत है कि वह लगातार अपना चोला बदलता रहता है। दरअसल, कोरोना वायरस का जेनेटिक कोड लगभग 30,000 अक्षरों के आरएनए का एक गुच्छा है।जब वायरस इंसान के सेल्स में प्रवेश करता है तो यह वहां अपने तरह के अनगिनत वायरस पैदा करने की कोशिश करता है।

कई बार इस प्रोसेस में नए वायरस में पुराने वायरस का डीएनए पूरी तरह कॉपी नहीं हो पाता है और उसका जेनेटिक कोड बदल जाता है। इसे ही म्यूटेशन कहते हैं जिसमें उसका जेनेटिक सीक्वेंस बदल जाता है। जितने ज्यादा लोगों को वायरस संक्रमित करेगा उतना ही उसमें बदलाव आएगा।

कोरोना से संक्रमित हर नया मरीज वायरस को म्यूटेट होने का मौका देता है। ऐसे में मरीज बढ़ने के साथ-साथ नए वेरिएंट की संभावना बढ़ जाती है।


पेरू में मिला नया वेरियंट

कोरोना वायरस का लेटेस्ट वेरियंट साउथ अमेरिकी देश पेरू में पाया गया है। डब्लूएचओ ने इसे 'लैम्बडा' नाम दिया है और इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के तौर पर दर्ज किया है। इसका मतलब है कि अभी इस पर नजर रखी जायेगी।

वैक्सीनेशन से होगा बचाव

वायरस के म्यूटेशन लगातार होते रहेंगे और इससे बचने का एक ही उपाय है कि संक्रमण को फैलने से रोका जाए। जितने ज्यादा लोगों का कम से कम समय में वैक्सीनेशन होगा, स्थिति को उतनी अच्छी तरह से कंट्रोल किया जा सकेगा।

इस भर्ती के लिए मार्च के पहले हफ्ते में ही घोषणा की गई थी लेकिन जब तक काउंसिलिंग के लिए आदेश होता तब तक कोरोना संक्रमण तेज हो गया। अभ्यथिर्यों ने ऑनलाइन काउंसिलिंग की मांग की थी लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने इस मांग को नहीं माना। काउंसिलिंग ऑफलाइन ही होगी और जहां पर ज्यादा रिक्तियां होंगी, वहां पर दो से तीन चरणों में काउंसिलिंग होगी। एक वक्त पर पांच से ज्यादा अभ्यर्थी नहीं बुलाए जाएंगे।

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