Corona Vaccination: दुनिया का आधा वैक्सीनेशन सिर्फ चीन में, 77 करोड़ को लगी खुराक

Corona Vaccination: दुनिया में रोजाना करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो रहा है और इनमें आधे से ज्यादा चीन के हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-06-11 10:21 IST

कोरोना वैक्सीनेशन (फोटो-सोशल मीडिया)

Corona Vaccination:चीन ने अपने यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार से दुनिया को हैरानी में डाल दिया है। आलम ये है कि बीते एक हफ्ते से ज्यादा समय से चीन में रोजाना औसतन दो करोड़ लोगों को वैक्सीन लग रही है। इस रफ्तार के चलते चीन में अब तक 65 करोड़ से ज्यादा खुराकें लग चुकी हैं।

दुनिया में रोजाना करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो रहा है और इनमें आधे से ज्यादा चीन के हैं। 1 अरब 40 करोड़ की आबादी में से 77 करोड़ 80 लाख लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। इस रफ्तार से तीन महीने में सबका वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा।

चीन ने अपनी बड़ी आबादी को वैक्सीन लगाने के लिए अपनी जबरदस्त निर्माण क्षमता का इस्तेमाल किया है और इसी का नतीजा है कि वहां बहुत तेजी से वैक्सीनेशन का काम किया जा रहा है।

दो वैक्सीनें लगाई जा रहीं

चीन में जो वैक्सीन लग रही हैं वो अमूमन सिनोवैक कम्पनी की हैं। बीजिंग स्थित सिनोवैक कम्पनी की कोरोना वैक्सीन कोरोनावैक नाम से चीन में सप्लाई की जा रही है और इसे डब्लूएचओ की मंजूरी मिली हुई है।


क्लिनिकल ट्रायल में ये वैक्सीन कोरोना के लक्षणों के खिलाफ 51 फीसदी असरदार पाई गई थी। लेकिन गंभीर बीमारी और मौतों को रोकने के मामले में ये वैक्सीन ज्यादा प्रभावी बताई जाती है।

चीन में लगाई जा रही दूसरी वैक्सीन सरकारी सिनोफार्म कम्पनी द्वारा बनाई गई है। ये वैक्सीन 79 फीसदी प्रभावी बताई गई है।

5 अरब खुराक प्रतिवर्ष उत्पादन

चीन ने वैक्सीन निर्माण की अपनी क्षमता के चलते अब तक 35 करोड़ खुराकें 75 से ज्यादा देशों को एक्सपोर्ट की हैं। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के अनुसार चीन की योजना इस साल कोरोना वैक्सीन की तीन अरब खुराकें बनाने की है।

इसके बाद चीन हर साल पांच अरब खुराकों के उत्पादन का इरादा रखता है। इसके लिए चीन ने वैक्सीन के सक्रिय पदार्थ, कच्चे माल, शीशी, सिरिंज की व्यवस्था के अलावा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार कर दिया है।

चीन की दोनों वैक्सीनें निष्क्रिय वायरस से बनी हैं। ऐसी वैक्सीन बनाने के लिए वायरस को जीवित सेल्स के भीतर, बायोरिएक्टर में पैदा करना करना होता है और ये प्रक्रिया काफी समय लेती है। इसके बावजूद चीन की प्रोडक्शन प्लानिंग किस तरह पूरी होगी ये देखने वाली बात होगी।

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