पेरिस: कच्चे तेल की कीमतों में पिछले सत्र में आई गिरावट के बाद शुक्रवार को फिर तेजी आई। तेल निर्यातक देशों का संगठन ओपेक के उत्पादन में बढ़ोतरी के आंकड़े आने के बाद गुरुवार को तेल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। मगर तेजी के कारक प्रभावी होने के कारण रिकवरी आई।
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जानकारों के मुताबिक, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से कच्चे तेल की कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है जिसके चलते फिर तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
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नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई का अक्टूबर वायदा 0.42 फीसदी की बढ़त के साथ 68.88 डॉलर प्रति बैरल और आईसीई पर ब्रेंट क्रूड का नवंबर वायदा 0.29 फीसदी की बढ़त के साथ 78.41 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था।
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एंजेल ब्रोकिंग के बाजार विश्लेषक अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल में ट्रेंड लगातार तेजी को सपोर्ट कर रहा है, इसलिए इंवेंटरी को लेकर गिरावट आने के बाद फिर रिकवरी देखी जा रही है। डब्ल्यूटीआई गुरुवार को 2.5 फीसदी और ब्रेंट क्रूड दो फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गुरुवार को कच्चा तेल वायदा साढ़े तीन फीसदी से ज्यादा लुढ़का वहीं अंतर्राष्ट्री वायदा बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 2.5 फीसदी तक की गिरावट रही।
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ओपेक देशों का कच्चा तेल उत्पादन अगस्त में 4.2 लाख बैरल की बढ़ोतरी के साथ रोजाना 326.3 लाख बैरल रहा। एमसीएक्स पर कच्चे तेल का सितंबर डिलीवरी वायदा 179 रुपये यानी 3.52 फीसदी लुढ़ककर गुरुवार को 4,906 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ।
--आईएएनएस