ट्रंप का एक फैसला कैसे कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया पर पड़ रहा भारी, यहां जानें

कोरोना से पूरी तरह से तबाह हो चुके अमेरिका ने इस वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर किये गये वैश्विक गठबंधन से दूरी बनाकर रखने का फैसला किया है।

Update:2020-05-14 12:57 IST

नई दिल्ली: कोरोना से पूरी तरह से तबाह हो चुके अमेरिका ने इस वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर किये गये वैश्विक गठबंधन से दूरी बनाकर रखने का फैसला किया है।

अमेरिका अकेले ही वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप सरकार की अमेरिका फर्स्ट वाली नीति से विश्व स्तर पर वैक्सीन खोजने में मुश्किल आ रही है।

चीन, कनाडा, तुर्की, ब्रिटेन, सऊदी अरब, जापान सहित कई देशों ने मिलकर पिछले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन, गेट्स फाउंडेशन और यूरोपियन कमिशन के साथ वैक्सीन पर काम करने के लिए वर्चुअल ग्लोबल समिट का आयोजन किया था, लेकिन अमेरिका ने इस समिट में भाग नहीं लिया।

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इस समिट का मकसद कोरोना महामारी पर खुल कर चर्चा करना और वैक्सीन के लिए फंड इकट्ठा करना था, बैठक में समिट द्वारा वैक्सीन की खोज के लिए 8 बिलियन डॉलर का फंड जुटाया गया।

वहीँ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समिट में हिस्सा न लेते हुए कहा था कोरोना वायरस को दूर करने के लिए किसी वैक्सीन की जरूरत नहीं है। यह वक्त साथ खुद ब खुद दूर हो जाएगी और दोबारा वापस नहीं आएगी। ट्रंप के इस बयान के बाद अमेरिकी अधिकारियों को आगे आना पड़ा और चेतावनी जारी करनी पड़ी कि देश में अत्याधुनिक लैब होने के बावजूद वैक्सीन तैयार करने का काम धीमा हो सकता है।

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कोरोना महामारी बिना वैक्सीन के ही दूर हो जाएगी: ट्रंप

वहीं, ट्रंप ने पिछले हफ्ते यह भी कहा कि कोरोना महामारी बिना वैक्सीन के ही दूर हो जाएगी। ट्रंप ने कहा- उम्मीद है कि एक वक्त के बाद यह (कोरोना) दूर चला जाएगा। हमें फिर से इसका सामना नहीं करना होगा।

कोरोना को हराने के लिए वैक्सीन की जरूरत नहीं होने के ट्रंप के बयान के बाद अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी देनी पड़ी है कि देश में अत्याधुनिक लैब होने के बावजूद अमेरिकी लोगों के लिए वैक्सीन तैयार करने का काम धीमा पड़ सकता है।

साइंटिस्ट्स का मानना है कि रिकॉर्ड समय में कोरोना की कई वैक्सीन दुनिया में तैयार हो सकती हैं। इसमें अमेरिकी एक्सपर्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं। लेकिन अमेरिकी सरकार का वैश्विक गठबंधन में हिस्सा नहीं लेने से वैक्सीन की खोज धीमी पड़ सकती है।

अमेरिका अपने दम पर वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहा है और अमेरिकी कंपनियां वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए भी तैयारियां कर रही हैं। लेकिन theguardian।com की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप सालों से वैक्सीनेशन को लेकर झूठ बोलते रहे हैं।

वहीं, जब वैश्विक गठबंधन वैक्सीन के लिए एकजुट हो रहा है, ट्रंप अपने दामाद जरेद क्रुशनर और अन्य लोगों के नेतृत्व में वैक्सीन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे अमेरिकी सरकार ने 'ऑपरेशन वार्प स्पीड' नाम दिया है।

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