US President Election 2024: डोनाल्ड ट्रंप नहीं लड़ सकेंगे राष्ट्रपति चुनाव, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका
US President Election 2024: सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है यानी ट्रंप अब 2024 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन रेस से बाहर हो गए हैं।
US President Election 2024: दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में इन दिनों अगले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विश्व के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति पद के दावेदारों ने अपना चुनाव अभियान तेज कर दिया है। इस बीच प्रबल दावेदारों में शुमार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है यानी ट्रंप अब 2024 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन रेस से बाहर हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलोराडो की सुप्रीम कोर्ट (भारत के हाईकोर्ट की तरह) ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को जनवरी 2021 में यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) में हुई हिंसा का जिम्मेदार मानते हुए यह फैसला सुनाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद भड़के ट्रंप समर्थकों ने 6 जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद में घुसकर जमकर बवाल काटा था। पूरी दुनिया उस दिन की घटना से दंग रह गई थी।
यूएस हिस्ट्री में यह पहला मौका है, जब संविधान के 14वें संशोधन की धारा 3 का इस्तेमाल कर किसी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराया गया हो। कोलोराडो की सुप्रीम कोर्ट ने कैपिटल हिल हिंसा मामले पर 4-3 से फैसला सुनाया है। अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को आम चुनाव होने हैं।
अब क्या करेंगे ट्रंप ?
अमेरिकी इतिहास के सबसे विवादित राष्ट्रपति माने जाने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने चार साल पहले आए चुनाव नतीजे को कभी स्वीकार नहीं किया। उनके अंदर दोबारा राष्ट्रपति न बन पाने की की टीस हमेशा से रही। आमतौर पर अमेरिका में राष्ट्रपतियों को जनता लगातार दो बार मौका देती रही है। उसके बाद अमेरिकी संविधान के मुताबिक, वे खुद रेस से बाहर हो जाते हैं। ऐसे में ट्रंप पिछली बार मिली हार का गम भुलाकर इस बार फिर से रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने में जुटे हुए थे।
अदालत ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि ट्रंप अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। हालांकि, जानकारों की मानें तो ट्रंप इतनी जल्दी पीछे नहीं हटने वाले काफी मुमकिन है कि वे इस फैसले को अमेरिकी की सर्वोच्च अदालत में चुनौती देंगे। उन्होंने इसके संकेत भी दिए हैं। अब वहीं से आया फैसला अरबपति कारोबारी से राजनेता बने इस शख्स का सियासी भविष्य तय करेगा।
क्या है कैपिटल हिल हिंसा ?
डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को हराया था। इसके बाद उनका चार साल का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। जिसका खामियाजा उन्हें 3 नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में भुगतना पड़ा। रिपब्लिकन ट्रंप को डेमोक्रेट जो बाइडन ने हरा दिया। उस चुनाव में बाइडन को 306 और ट्रप को 232 वोट मिले। लेकिन ट्रंप और उनके उत्साही समर्थक नतीजे को मानने के लिए तैयार नहीं थे। उनका आरोप था कि वोटिंग और काउंटिंग में व्यापक धांधली हुई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इशारों में हिंसा की धमकी तक दे डाली थी। 6 जनवरी 2021 को अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत पर आखिरी मुहर लगनी थी। संसद में बहुमत पर चर्चा होनी थी, तभी ट्रंप समर्थकों ने धावा बोल दिया। अमेरिकी समय के मुताबिक, दोपहर एक बजे ट्रंप के उपद्रवी समर्थक संसद के बाहर लगे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए अंदर घुसे और जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान गोलियां भी चलीं। गोलीबारी और तोड़फोड़ करने के बाद उपद्रवियों ने कई दफ्तरों पर कब्जा कर लिया था।
शाम साढ़े पांच बजे के करीब हिंसा तब थमी जब स्पेशल फोर्स, मिलिट्री और पुलिस ने US कैपिटल के दोनों फ्लोर से दंगाइयों को खदेड़ दिया। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो हुई थी। दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क में इस तरह की घटना ने लोगों को हैरान कर दिया। चुनाव हारे ट्रंप की इससे और फजीहत हुई और इस मसले पर उनके कई करीबियों ने उनका साथ छोड़ दिया।
बता दें कि ट्रंप चुनाव परिणाम से इतने नाखुश थे कि पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए नए राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथग्रहण समारोह में शामिल तक नहीं हुए ।