नागासाकी दिवस: आज ही के दिन इस बम से मरे थे 80 हजार लोग, जानिये पूरी कहानी
नई दिल्ली: ‘नागासाकी दिवस’ इतिहास के पन्ने का वो दिन जिसे कभी कोई भूल नहीं सकता। अमेरिका ने आज ही के दिन (9 अगस्त, 1945) जापान के नागासाकी पर प्लूटोनियम-239 वाला “फैटमैन” नाम के बम को गिराया था। जिससे शहर के करीब 65 हजार लोग चंद सेकेण्ड में ही मौत के घाट उतर गये। बाद में ये आंकड़ा 80 हजार तक जा पहुंचा।
अमेरिका ने नागासाकी पर जो फेटमैन बम गिराया था, उससे करीब 3900 डिग्री सेल्सियस का तापमान उतपन्न हुआ था और हवा की गति 1005 किलोमीटर प्रति घंटा हो गयी थी। जिससे 43 सेकेण्ड के अंदर ही 65 हजार लोग मौत के घाट उतर गये। बाद में ये आंकड़ा 80 हजार तक जा पहुंचा। इससे पहले 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर ‘लिटिल ब्वॉय’ नाम का बम गिराया था। जिससे वहां करीब 60 हजार लोग मारे गए थे।
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जानिए क्या है इतिहास
दरअसल, ये शुरुआत हिटलर के उस सपने से हुई, जहां पूरे विश्व में वो ताकतवर बनना चाहता था। हिटलर ने अपना सपना पूरा करने के लिए पोलैंड पर आक्रमण कर द्वितीय विश्व युद्ध का आगाज कर दिया। हिटलर के इस कदम के बाद जापान भी अपने सपने को पूरा करने में लग गया और वो भी द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हो गया। जापान के शामिल होने से हिटलर ने 1941 को रूस पर आक्रमण कर उसे चुनौती दे दी।
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उसके बाद जापान ने 1941 में अमेरिका के नौसैनिक अड्डे ‘पर्ल हार्बर’ पर बमबारी कर अमेरिका को छेड़ दिया। और ये हमला अमेरिका के लिए चुनौती बन गया। वहीं जापान औऱ जर्मनी की किस्मत ने भी इनका ज्यादा दिन साथ नहीं दिया और 1942 में जापानी सेना की हवाई के पास और 1943 में स्टालिनग्राद में जर्मन सेना की हार के बाद इनकी किस्मत पलट गई। और जर्मनी ने हिटलर की आत्महत्या के बाद मई में आत्मसमर्पण कर दिया। हिटलर के आत्मसमर्पण के बाद यूरोप में तो विश्वयुद्ध ख्त्म हो गया लेकिन एशिया में वह चलता रहा।
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वहीं जापान द्वारा किये गये अटैक अभी भूला नहीं था और जापान पर बम गिराने की तैयारी में जुट गया। दो हफ्तों के अंदर ही दो बमों 'लिटल बॉय' और 'फैट मैन' तैयार कर लिया गया था। और बमों के परीक्षण के लिए जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी को चूना गया। अपने करीब 80 हजार सैनिकों की मौत का बदला लेने के लिए अमेरिका ने 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 में जापान के हिरोशमा और नागासाकी पर हमला कर दिया।