US Parliament Violence Case: अमेरिकी संसद में हिंसा के लिए ट्रंप दोषी, जांच कमेटी की क्रिमिनल केस चलाने की सिफारिश
US Parliament Violence Case: यूएस कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) हिंसा मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
US Parliament Violence Case: यूएस कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) हिंसा मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (former president donald trump) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले साल की शुरुआत में हुई हिंसा के मामले की जांच कर रही कांग्रेस कमेटी ने ट्रंप को दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने की सिफारिश की है। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
हिंसा की जांच के लिए डेढ़ साल पहले जांच कमेटी का गठन किया गया था। वैसे जांच कमेटी की सिफारिश को मानना बाध्यकारी नहीं है और इस पर फैसला न्याय विभाग की ओर से किया जाएगा। दूसरी ओर ट्रंप ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझ पर लगाए गए सारे आरोप पूरी तरह झूठे हैं और मुझे साइडलाइन करने की साजिश रची जा रही है।
हिंसा में हुई थी पांच लोगों की मौत
अमेरिका में बाइडेन के शपथ ग्रहण से पहले पिछले साल 6 जनवरी को जमकर हिंसा हुई थी। इस दौरान ट्रंप के समर्थक अमेरिकी संसद में घुस गए थे और उन्होंने तोड़फोड़ और हिंसा की थी। ट्रंप समर्थकों के तेवर इतने ज्यादा गरम थे कि इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी जबकि काफी संख्या में लोग घायल भी हुए थे।
ट्रंप समर्थकों में 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के नतीजों को लेकर भारी नाराजगी थी। इस चुनाव में बाइडेन के मुकाबले ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। ट्रंप ने अपने समर्थकों की इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए उन्हें क्रांतिकारी बताया था। अब इस मामले में जांच कमेटी की सिफारिश से ट्रंप घिर गए हैं।
रंपा विद्रोह भड़काने का आरोप
जांच कमेटी ने अपनी 154 पेज की रिपोर्ट में ट्रंप को यूएस कैपिटल हिल में हिंसा भड़काने के लिए दोषी ठहराया है। जांच कमेटी में डेमोक्रेटिक पार्टी के सात और रिपब्लिकन पार्टी के दो सांसद शामिल हैं। बेबी थॉम्पसन की अगुवाई वाली इस जांच कमेटी ने यूएस कैपिटल हिल हिंसा मामले में एक हजार चश्मदीदों से बातचीत की थी।
जांच कमेटी ने हिंसा से जुड़े एक हजार से अधिक दस्तावेजों की जांच पड़ताल के बाद 154 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। जांच कमेटी की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में ट्रंप पर साजिश रचने, विद्रोह भड़काने, झूठे बयान देने और सरकार को धोखा देने जैसे बड़े आरोप लगाए गए हैं। जांच कमेटी ने ट्रंप के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने की संस्तुति की है।
हिंसा को रोकने की नहीं की कोशिश
जांच कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा की घटनाएं शुरू होने के काफी देर बाद तक ट्रंप डायनिंग रूम में बैठकर टीवी पर हिंसा के नजारे देख रहे थे। उनसे हिंसा को रोकने और लोगों को वापस भेजने के लिए कदम उठाने को कहा गया मगर वे किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने हिंसा को रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग से कोई मदद नहीं मांगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह हिंसा कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि ट्रंप की ओर से उठाया गया आखिरी कदम था। इसके जरिए उन्होंने देश में दंगा भड़काने और तख्तापलट करने की कोशिश की। ट्रंप ने हिंसा करने वाली भीड़ को देशभक्त भी बताया। ट्रंप में हिंसा के इस घटना को लेकर कोई पछतावा नहीं था और उन्होंने लोगों से कहा कि वे इस दिन को हमेशा याद रखेंगे।
जांच कमेटी के हिस्से संस्तुति के बाद अब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब इस मामले में क्रिमिनल केस चलाने का फैसला न्याय विभाग की ओर से किया जाएगा।