मुंह में राम बगल में छुरी! जानिए मोदी-पुतिन के दोस्ती के मायने
इसके बाद दोनों नेताओं ने शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। दौरे के दौरान दोनों नेताओं की दोस्ती का अंदाज अलग पैमाने पर था। पहले पीएम मोदी को व्लादिमीर पुतिन ने गले लगाकर स्वागत किया। उसके बाद में दोनों नेता जहाज में साथ घूमते हुए भी दिखे।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रुस के दो दिवसीय दौरे पर हैं, पीएम मोदी दोस्ती की नई मिसाल लिखने के लिए आज रूस के व्लादिवोस्तोक पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने आज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की।
शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स...
इसके बाद दोनों नेताओं ने शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। दौरे के दौरान दोनों नेताओं की दोस्ती का अंदाज अलग पैमाने पर था।
पहले पीएम मोदी को व्लादिमीर पुतिन ने गले लगाकर स्वागत किया। उसके बाद में दोनों नेता जहाज में साथ घूमते हुए भी दिखे।
एक रणनीति...
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ईस्टर्न इकोनोमिक फोरम की बैठक में पीएम मोदी को मुख्य अथिति बनाने के पीछे राष्ट्रपति पुतिन की एक सोची समझी रणनीति है। अभी तक रूस के विकास का फोकस यूरोपीय हिस्से मॉस्को और लेनिंगार्ड के इर्द गिर्द की ओर केन्द्रित रहा था, पर अब ये क्षेत्र यूरोपीय मंदी से प्रभावित हो रहा है।
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ऐसे में अब तक उपेक्षित पूर्वी क्षेत्र पर पुतिन ने ध्यान केंद्रित किया है। ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट भारत के क्षेत्रफल का दोगुना है और जनसंख्या केवल 80 लाख है। ये क्षेत्र खनिज और पेट्रोलियम के खजाने से भरपूर है।
जानकारी के अनुसार पुतिन को इस क्षेत्र के विकास और निवेश की जरूरत है। इस क्षेत्र में विकास का सामरिक महत्व भी है, रूस एशिया पैसिफिक रीजन में मजबूत पकड़ बना लेगा।
बताया जा रहा है कि भारत के लिए भी ईस्टर्न रीजन में बहुत संभावनाएं है ऊर्जा की जरूरतों के साथ साथ रोजगार के क्षेत्र में अपार अवसर है। रूस चीन के अपेक्षा भारत के साथ कार्य करने में अधिक सहज है। भारत ने अभी हाल में एस 400 मिसाइलों का सौदा रूस से अमेरिका के भारी विरोध के बावजूद किया है।
इसके अलावा भारत में ए के 203 राइफल का उत्पादन भी संयुक्त रूप से प्रारम्भ है। ईईएफ के अन्य सदस्य नॉर्थ एवं साउथ कोरिया, चीन और इंडोनेशिया है। परंतु पुतिन भारत पर अधिक निर्भर है। वे भारत को ईस्टर्न यूरोपियन इकनॉमिक फोरम का पार्टनर बनना चाह रहे है, इसके सदस्य आर्मेनिया, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान, बेलारूस है।
पुतिन का विशेष आमंत्रण…
बता दें कि भारत वर्तमान में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम का सदस्य नहीं है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के विशेष आमंत्रण पर 5 सितंबर को पांचवें ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम की बैठक में पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।