चीन ने किया मसूद अजहर पर प्रतिबंध का विरोध, भारत ने जताई नाराजगी

Update: 2016-04-02 12:08 GMT

वॉशिंगटन: पाकिस्तानी चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रस्ताव का चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विरोध किया है।

भारत ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया

-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि यह समझ से परे है कि जैश-ए-मोहम्मद को चरमपंथी गतिविधियों और अल कायदा से संबंधों के कारण 2001 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन उसके नेता पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी गई है।

-स्वरूप ने वॉशिंगटन में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के इतर संवाददाताओं से कहा, 'हम इस बात से निराश हैं कि मसूद पर प्रतिबंध लगाने के हमारे आवेदन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति तकनीकी रोक लगा दी है'।

-उन्होंने कहा, हाल में पठानकोट पर हुए हमले से साफ है कि मसूद पर प्रतिबंध नहीं लगाने का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ रहा है। चरमपंथ के खिलाफ समिति की चुनिंदा कार्रवाई चरमपंथ को निर्णायक शिकस्त देने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दृढ़ संकल्प के अनुरूप नहीं है।

चीन का नजरिया साफ नहीं

यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि चीन ने भारत के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाने का अनुरोध क्यों किया। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत लियू जिएयी ने इस बारे में केवल इतना ही कहा कि किसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त आधार होना चाहिए।

अगर मसूद पर प्रतिबंध लगता है तो उनके विदेश जाने पर रोक लग जाएगी और उनकी संपत्तियां सील हो जाएंगी।

उधर भारत में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाना बनाया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, पाकिस्तान के कहने पर चीन ने जो कदम उठाया है, उससे आतंकवाद और भारत विरोधी आतंकवादी गुटों और संगठनों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को सुनिश्चित करने में मोदी सरकार की नाकामी सामने आई है।

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