भारत: आतंकवाद को समर्थन देने वाली सरकारें आत्महत्या को दे रही हैं न्योता

Update:2017-09-28 20:00 IST
भारत: आतंकवाद को समर्थन देने वाली सरकारें आत्महत्या को न्योता दे रही हैं

बिश्केक/नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए गुरुवार (28 सितंबर) को कहा, कि 'आतंकवादियों को पनाह देने वाली सरकारें आत्महत्या को निमंत्रण दे रही हैं। 'आधुनिक धर्मनिरपेक्ष समाज में इस्लाम' विषय पर किर्गिस्तान के बिश्केक में सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश राज्य मंत्री एमजे. अकबर ने कहा, कि 'धर्म आधारित आतंकवादी आधुनिकता विरोधी होते हैं और राष्ट्र की अवधारणा को चुनौती देते हैं, जो कि समकालिक स्थिरता की सैद्धांतिक बुनियाद है।'

एमजे. अकबर ने कहा, 'ये लोग देश के बदले धर्म आधारित स्थान पर विश्वास करते हैं और ये किर्गिस्तान के लिए उतने ही खतरनाक हैं जितने कि इराक, माली, सोमालिया या भारत के लिए।'

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ये भी आतंकवादियों जितनी ही दोषी हैं

अकबर ने आगे कहा, कि जो सरकारें भी इन आतंकवादियों को पनाह दे रही हैं, वे आत्महत्या को आमंत्रण दे रहीं हैं, ये भी आतंकवादियों जितनी ही दोषी हैं। उन्होंने कहा, कि 'आतंकवादी मानव सोच और सह-अस्तित्व को निशाना बनाते हैं। वे लोग तबाही मचाकर समाज में भय का वातावरण पैदा करते हैं, जहां कई धर्म और जाति के लोग सौहार्द के सभ्यता के मूल्यों के साथ रहते हैं। आतंकवादी निरंकुशता का विकल्प पेश करते हैं।'

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उनकी हार जरूर होगी

एमजे अकबर ने कहा, कि 'आतंकवादियों ने जो युद्ध शुरू किया है, उसमें उनकी हार जरूर होगी। लेकिन इसे खत्म होने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि यह ऐसा युद्ध है जिसे न सिर्फ जमीनी स्तर पर लड़ा जाना चाहिए, बल्कि दिमाग में भी लड़ा जाना चाहिए।' बोले, 'यह समय कुछ मुस्लिम समुदायों में पैदा होने वाली अत्यधिक खतरनाक प्रवृत्ति पर ध्यान देने का है और यह प्रवृत्ति है धार्मिक आस्था की श्रेष्ठता का सिद्धांत। इसमें आतंकवादी हिंसा के साथ धर्म आधारित वर्चस्व, जातीय नरसंहार और लैंगिक उत्पीड़न शामिल हैं।'

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इसके लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए

विदेश राज्य मंत्री ने कहा, 'हमें इस पर स्पष्ट होना चाहिए। इस खतरनाक समस्या को न्यायसंगत ठहराने के लिए कोई भी बहाना नहीं होना चाहिए। आतंकवादी जो धार्मिक वर्चस्वता के नाम पर आतंक फैलाते हैं, वे लोग किसी शत्रु या प्रतीक को हानि नहीं पहुंचाते हैं बल्कि वे लोग इस्लाम की बुनियाद को ही गंभीर हानि पहुंचाते हैं जिसके नाम का अर्थ ही शांति का मिशन है।'

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इस्लाम एक भाईचार है, न कि राष्ट्रवाद

उन्होंने कहा, 'इस्लाम एक भाईचार है, न कि राष्ट्रवाद। यह एक मानवीय दर्शनशास्त्र है, न कि आत्मघाती कट्टरवादियों के लिए घातक हथियार।' आज की मुख्य चुनौती धार्मिक वर्चस्ववादियों और धर्म की बराबरी में विश्वास करने वालों के बीच संघर्ष की है। ज्ञान को आधुनिकता की मुख्य सीढ़ी बताते हुए उन्होंने कहा, कि 'पहले इस्लाम क्षेत्रीय युद्धक्षेत्र से फैला, लेकिन इसका सही में एकीकरण तब हुआ जब मुस्लिम समुदाय ज्ञान के क्षेत्र में सबसे आगे आए।'

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