UN Security Council: एलोन मस्क ने कहा-भारत को मिले सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट

UN Security Council: एलोन मस्क ने इजरायली अरबपति की भावनाओं को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संगठन में संशोधन की आवश्यकता देखी है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-01-23 11:07 IST

Elon Musk and PM Modi (photo: social media ) 

UN Security Council:  दुनिया के टॉप रईस एलोन मस्क ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता होनी चाहिए।

मस्क ने कहा कि ये बहुत 'बेतुका' है कि भारत को अभी तक सीट नहीं मिली है। और जिन देशों के पास अतिरिक्त शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में अपनी राय व्यक्त की है। मस्क का यह पोस्ट संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में किसी भी अफ्रीकी देश की अनुपस्थिति पर चिंता जताने के बाद आया है।

महासचिव की चिंता

गुटेरेस ने एक्स पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए पूछा था कि अफ्रीका के लिए सुरक्षा परिषद में अभी भी एक भी स्थायी सदस्य का अभाव होना कैसे संभव है। उन्होंने आज की दुनिया की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाले संस्थानों की आवश्यकता पर जोर दिया।

गुटेरेस की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमेरिकी मूल के इजरायली उद्यम पूंजीपति माइकल ईसेनबर्ग ने भारत का नाम लिया। उन्होंने पूछा - “और भारत के बारे में क्या?” उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर संयुक्त राष्ट्र को खत्म करने और वास्तविक नेतृत्व के साथ कुछ नया बनाने का सुझाव दे डाला।


मस्क ने क्या कहा

एलोन मस्क ने इजरायली अरबपति की भावनाओं को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संगठन में संशोधन की आवश्यकता देखी है। उन्होंने कहा, समस्या यह है कि जिनके पास अतिरिक्त शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते। मस्क ने लिखा : पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद, भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट न मिलना बेतुका है। अफ़्रीका को सामूहिक रूप से आईएमओ की एक स्थायी सीट भी मिलनी चाहिए।"

मस्क ने कहा - किसी बिंदु पर संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है। समस्या यह है कि जिनके पास अधिक शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते। पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट न मिलना बेतुका है।

भारत ने स्थायी सदस्यता की पैरवी की है, दोनों देशों के बीच व्याप्त दुश्मनी के कारण चीन ने उसके प्रयासों को विफल कर दिया है।




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