कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के जाल में नहीं फंसे रूस, ईरान और अफगानिस्तान

Update: 2017-12-26 13:28 GMT

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 6 देशों के सांसदों की दो दिवसीय बैठक का आयोजन हुआ। इन 6 देशों में पाकिस्तान सहित अफगानिस्तान, चीन, ईरान, रूस और तुर्की के शीर्ष सांसद पहुंचे थे। हर बार की तरह एक बार फिर पकिस्तान ने कश्मीर राग छेड़ने का प्रयास किया। लेकिन इस बार भी वो अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सका।

दरअसल, कश्मीर मुद्दे को शामिल करने के पाकिस्तान के प्रयास पर रूस, ईरान और अफगानिस्तान ने आपत्ति जताई। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस के प्रतिनिधियों ने यहां कश्मीर का मुद्दा शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। उसके बाद अफगानिस्तान और ईरान ने भी इसको शामिल करने को लेकर असहमति व्यक्त की।

कश्मीर से जुड़े खंड की भाषा पर ईरान को एतराज था। वहीं कहा जा रहा है अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों को मनाना सबसे ज्यादा मुश्किल था। हालांकि, भरसक प्रयासों के बाद पाकिस्तान ने संबंधित देशों को वार्तालाप के लिए मना लिया।

बाद में सभी देशों का संयुक्त घोषणापत्र भी जारी किया गया, “हम इस बात पर राज़ी हुए हैं कि वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा तथा स्थायित्व के लिए कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण तरीके से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार निकाले जाने की जरूरत है।”

पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे को इस बैठक में उठाने को लेकर कहना है कि जब रूस, ईरान और तुर्की ने अपने राजनीतिक हितों, इराक और सीरिया में संकट, पश्चिम एशिया और अल-कुद्स की समस्या और तुर्की में सत्ता पलट का असफल प्रयास जैसे मुद्दे उठाए तो ऐसे में पाकिस्तान के लिए कश्मीर का मुद्दा उठाना लाजिमी था।

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