जमीन में धमाके के बाद बने बड़े-बड़े गड्ढे, लोगों ने कहा-यही है पाताल लोक का रास्ता

रूस के आर्कटिक क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर जमीन में जोरदार धमाके के बाद बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए है। इन्हें देखने के बाद से लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।

Update: 2020-08-31 06:26 GMT
रसियन ऑयल एंड गैस रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर वैसिली बोगोयावलेंस्की ने बताया कि ये हैरान कर देने जैसी घटना है। इस गढ्ढे के पीछे काम करने की जरूरत है।

नई दिल्ली: रूस के आर्कटिक क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर जमीन में जोरदार धमाके के बाद बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए है। इन्हें देखने के बाद से लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।

वैज्ञानिक भी इन गड्ढों को देखकर परेशान है। क्योंकि ये कोई मामूली गड्ढे नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि ये गड्ढे सीधे पाताल में लेकर जाते हैं।

इन गड्ढों की गहराई 165 फीट है। इनका व्यास भी कई फीट ज्यादा है। इन गड्ढों को लेकर कोई कह रहा है कि रूस ने मिसाइल परीक्षण किया है, कोई कह रहा है कि एलियंस के स्पेस शिप यहां से निकले होंगे या उन्होंने हमला किया होगा।

इस मामले में स्कोलकोवो इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता डॉ: एवजेनी शुविलिन का कहना है यह गड्ढा आकार में बहुत ही ज्यादा बड़ा है।

शोध करते वैज्ञानिक की फाइल फोटो

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अपनी तरह का दुनिया का 17 वां गड्ढा

इसको देखने से ऐसा लग रहा है कि जैसे मानों कोई प्राकृतिक घटना घटी हो और जिसके बाद से इसका आकृति उभर आई हो। डॉ. शुविलिन ने बताया कि इन गड्ढों को हाइड्रोलैकोलिथ्स या बल्गन्नीयाख्स कहते हैं। यह गड्ढा 17वां हैं। इससे पहले सारे 16 गड्ढे अकार में इसे काफी छोटे थे।

वहीं मॉस्को स्थित रसियन ऑयल एंड गैस रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर वैसिली बोगोयावलेंस्की ने बताया कि ये हैरान कर देने जैसी घटना है। इस गढ्ढे के पीछे काम करने की जरूरत है।

इसमें कई वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ हो सकता हैं, जिसे अभी हम नहीं बता सकते। लेकिन ये विषय पूरी दुनिया को पता चलने लायक है। हम इसका थ्री-डी इमेज बनाकर इसकी स्टडी करेंगे।

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जबकि अभी अधिकांश साइंटिस्ट यही मान रहे हैं कि इस पर्माफ्रॉस्ट जगह पर जमीन के भीतर गैस से भरा गड्ढा रहा होगा। गैस की मात्रा बढ़ने के बाद प्रेशर ज्यादा हो गया होगा।

जिसकी वजह से विस्फोट हुआ और यह गड्ढा बन गया। प्रोफेसर वैसिली ने कहा यमल रिजर्व से लगातार हो रहे गैस खनन की वजह से भी ऐसा हादसा संभव है। लेकिन इससे मानव निर्मित गैस पाइपलाइन को ज्यादा खतरा है। अगर किसी विस्फोट से उनमें कोई नुकसान होता है तो बेहद बड़ा होगा।

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हादसे के बाद रोते हुए आदमी की फाइल फोटो

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

स्थानीय लोगों के मुताबिक इन गड्ढों की वजह से अब तक कोई हादसा नहीं हुआ है। लेकिन ये गड्ढे किसी न किसी दिन कोई बड़ा हादसा कर सकते हैं। क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि पर्माफ्रॉस्ट की स्थिति में जमीन के अंदर थोड़ा नीचे ही गैस से भरे गड्ढे बन जाते हैं, जिनकी वजह से ऐसे विस्फोट होते हैँ।

मालूम हो कि छह साल पहले साइबेरिया, रूस के आर्कटिक क्षेत्रों में ऐसे 17 गड्ढे देखे गए हैं। जबकि, ये इलाका पर्माफ्रॉस्ट कहलाता है। यानी ऐसी धरती जहां कि मिट्टी लगातार कम-से-कम दो वर्षों तक शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर रही हो।

पर्माफ्रॉस्ट में खुदाई करना पत्थर तोड़ने की तरह होता है। इसके लिए अक्सर भारी औज़ारों की ज़रुरत होती है। लेकिन यहां एक विस्फोट से इतने बड़े गडढे बन गए, मिट्टी और उनपर जमी बर्फ कई फीट ऊपर तक उड़ गईं।

यहां ये भी बता दें कि आज जिस गड्ढें को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है उसे सबसे पहले यमल प्रायद्वीप में काम करने वाले टीवी चैनल वेस्ती यमल टीवी के मीडियाकर्मियों ने एक हवाई यात्रा के दौरान देखा था।

जिसके बाद में उस जगह पहुंचे और पड़ताल की तो पता चला कि एक जोरदार आवाज के साथ ये गड्ढे बने थे। इसके बाद यहां पर वैज्ञानिकों की टीम पहुंची उन्होंने इन गड्ढ़ों की जांच की। 165 फीट गहरा गड्ढा अब तक का सबसे बड़ा और गहरा गड्ढा है।

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