India and Nepal: चीन की राह पर नेपाल, नया नोट से दिल्ली और काठमांडू के बीच बढ़ सकता है तनाव
India and Nepal: नेपाल ने हाल में सौ रुपए का नोट रीडिजाइन करवाया, जिसमें वे इलाके दिखाए गए हैं, जो भारत का प्रशासनिक हिस्सा हैं। यह करेंसी एक चीनी कंपनी छाप रही है, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी जैसे इलाके शामिल हैं।
India and Nepal: नेपाल भी लगता है चीन की राह पर चल पड़ा है। इस बार उसने ऐसी हरकत कर दी है कि भारत के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं।
दरअसल पड़ोसी देश नेपाल की सरकार ने 100 रुपए के जिस नए नोट को छपवाया है। उस नोट पर उत्तराखंड के भारतीय हिस्सों को अपने यहां शामिल दिखा दिया है। यहां सबसे बड़ी बात ये भी है कि ये नोट एक चीनी कंपनी छाप रही है। इससे भी इरादों में साजिश देखी जा सकती है। लगभग 372 वर्ग किलोमीटर के विवादित क्षेत्र पर भारत और नेपाल दोनों ही अपना दावा करते रहे. हालांकि ये इलाके उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शामिल हैं। ये फैसला इसी साल मई में पुष्प कमल दहल सरकार के समय लिया गया था। बता दें कि काठमांडू के सेंट्रल बैंक के पास नोटों की डिजाइन बदलने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए उसे सरकारी मंजूरी चाहिए होती है। अब सरकार बदलने के बाद भी नोटों को उसी तरह जारी करने की खबर चिंता में डालने वाली है।
नेपाल ने इस नई करेंसी के लिए चीन को चुनाव किया है यह भी शक पैदा करने वाला है। काठमांडू के सेंट्रल बैंक ने चीनी कंपनी चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन को ठेका देते हुए उससे सौ रुपए के नोट छापने का ठेका दिया। इसमें नोट की रीडिजाइनिंग से लेकर छपाई और सप्लाई तक शामिल हैं। इसकी 300 मिलियन कॉपीज नेपाल जाएंगी। यानी लगभग पूरे देश में यही नोट होगा। लंबे-चौड़े करेंसी करार में नेपाल का नया नक्शा होगा, जिसमें विवादित क्षेत्र भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि कोविड के दौरान नेपाल ने नया राजनैतिक नक्शा भी जारी किया था, जिसमें उसने लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को अपने में शामिल बताया. तब भी भारत ने कड़ा विरोध किया था।