Charles Sobhraj Case: बिकिनी किलर चार्ल्स शोभराज की रिहाई पर फंसा पेंच, नेपाल के जेल अधिकारियों ने छोड़ने से किया इनकार
Charles Sobhraj Case: बिकिनी किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज की रिहाई पर पेंस फंस गया है। नेपाल के जेल अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद चार्ल्स को छोड़ने से इनकार कर दिया है।
Charles Sobhraj Case: सीरियल बिकिनी किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज की रिहाई पर पेंस फंस गया है। नेपाल के जेल अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद चार्ल्स को छोड़ने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अस्प ष्ट है और उसमें यह उल्लेसख नहीं है कि उसे किस मामले में रिहाई की अनुमति दी गई है।
ऐसे में बिकिनी किलर की रिहाई अधर में लटक गई है। अदालत के फैसले के बाद भी उसे जेल में कुछ दिन और काटने पड़ सकते हैं। नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार यानी 21 दिसंबर को उसकी रिहाई का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने उसकी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही रिहा करने के 15 दिन के अंदर उसे उसके गृह देश फ्रांस भेजने का भी आदेश है।
शोभराज को काठमांठू में साल 2003 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या और फेक पासपोर्ट रखने का मुकदमा नेपाल की अदालत में चला। उसी साल कोर्ट ने इन मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वह तभी से नेपाल की सेंट्रल जेल में बंद है। 78 वर्षीय चार्ल्स शोभराज दिल का मरीज है। बता दें कि नेपाल में 70 साल से अधिक उम्र के अपराधियों के रिहाई का प्रावधान है।
कौन है चार्ल्स शोभराज
'द सर्पेंट' और 'बिकिनी किलर' से कुख्यात चार्ल्स शोभराज की मां वियतनाम की थीं और पिता भारतीय थे। 6 अप्रैल 1944 को वियतनाम के साइगॉन में उसका जन्म हुआ था। उस समय वियतनाम एक फ्रेंच कॉलोनी हुआ करती थी, इसलिए उसके पास फ्रांस की भी नागिकता है। पहचान छिपाने और भेष बदलने में माहिर शोभराज के निशाने पर अक्सर विदेशी महिला पर्यटक होती थीं। शोभराज पर साल 1972 से 1982 के बीच भारत, थाईलैंड,नेपाल, तुर्की और ईरान में हत्या के 20 से अधिक आरोप लगे। साल 1976 में शोभराज भारत में पकड़ा गया। उसे भारत में 12 साल की सजा सुनाई गई लेकिन 1986 में वह तिहाड़ जेल से भाग निकला था।