खतरनाक चालः लोगों की जान खतरे में डाल सकती है, रूसी वैक्सीन कूटनीति
रूस की इस वैक्सीन को गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी ने तैयार किया है और 18 जून को इसके पहले चरण का ट्रायल शुरू हुआ था।
नई दिल्ली: WHO की चेतावनी के बावजूद, रूस ने कोरोना वायरस के उपचार के लिए तैयार की गई अपनी वैक्सीन स्पूतनिक वी के पहले बैच का उत्पादन कर लिया है। रूस की अक्टूबर से ही जल्द से जल्द बड़े पैमाने पर इसे लोगों को दिये जाने की योजना अन्य सरकारों पर वैक्सीन के नियामकों को छोड़ आगे बढ़ने और प्रमुख कदमों को छोड़ने के लिए दबाव डाल सकती है। जिससे लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
18 जून को शुरू हुआ था वैक्सीन का ट्रॉयल
रूस की इस वैक्सीन को मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी ने तैयार किया है और 18 जून को इसके पहले चरण का ट्रायल शुरू हुआ था। इसमें 38 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई। 20 जुलाई को आए ट्रायल के नतीजों में इसमे हिस्सा लेने वाले सभी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी देखने को मिली।
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पहले चरण के बाद ही रूस ने अगस्त में वैक्सीन लॉन्च करने का ऐलान कर दिया था। वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनी गामालेया ने कहा है कि वह दिसंबर-जनवरी तक हर महीने 50 लाख खुराक का उत्पादन करना शुरू कर देगी। सरकार ने अक्तूबर में वैक्सीन को पूरे रूस में बड़े पैमाने पर लॉन्च करने की योजना तैयार की है।
वैक्सीन की निगरानी
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रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुरास्खो के अनुसार ट्रेसिंग ऐप भी तैयार किया जा रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखेगा। ऐप से उन लोगों पर भी नजर रखी जाएगी, जिन्हें यह वैक्सीन लग चुकी है। अगर उन्हें किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ होती है तो इसकी सूचना क्षेत्रीय स्तर के स्वास्थ्य सेवा को मिलेगी। इसी तरह इस वैक्सीन को रूस के लोगों तक मुफ्त पहुंचाने की भी योजना तैयार की जा रही है।
आधी कामयाब वैक्सीन भी ठीक
संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ और अमेरिका की कोरोना वायरस टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एंथनी फाउची ने उम्मीद जताई है कि इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक सुरक्षित वैक्सीन दुनिया के सामने होगी। उन्होंने कहा कि आधी कामयाब वैक्सीन भी एक साल के भीतर दुनिया को पहले की तरह सामान्य बनाने के लिए पर्याप्त होगी। फाउची का बयान ऐसे समय में आया है जब सात संभावित वैक्सीन ट्रायल के अंतिम दौर में हैं। फाउची ने कहा है कि अगले साल तक ही वैक्सीन आम लोगों तक पहुंचेगी।
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उनका कहना है कि ऐसा नहीं लगता कि वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी होगी। लेकिन आधी कामयाब वैक्सीन भी जनजीवन को सामान्य बना देगी। फाउची ने कहा कि अगर अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन उपलब्ध हो जाती है तो कोरोना वायरस महामारी को 2021 के अंत तक काफी हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है। फाउची ने कहा कि इतिहास में सिर्फ स्मॉलपॉक्स को खत्म किया जा सका है। लेकिन इससे महामारी इतने नियंत्रण में आ जाएगी कि हम सामान्य जनजीवन शुरू कर सकेंगे। हम अर्थव्यवस्था और रोजगार को पटरी पर ला सकेंगे।
आधी कामयाब वैक्सीन का मतलब
आधी कामयाब वैक्सीन का मतलब है कि यह जिन लोगों को दी जाएगी, उनमें से 50 प्रतिशत ही कोरोना वायरस से सुरक्षित रहेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा हो सकता है कि जिन लोगों को यह वैक्सीन दी जाएगी, उनके संक्रमण से बचने की संभावना 50 प्रतिशत हो जाएगी। अमेरिका के ड्रग नियामक ने कहा था कि वह 70 प्रतिशत प्रभावी वैक्सीन को मंजूरी देगा। लेकिन अब वह 50 प्रतिशत कारगर वैक्सीन को हरी झंडी देने को तैयार है।
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एंथनी फाउची ने एक बार फिर रूस की वैक्सीन को लेकर शक जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें वैक्सीन की सुरक्षा और असर को लेकर पूरा शक है। वैक्सीन होना और ये सुरक्षित और कारगर भी होना दो अलग चीजें हैं। अगर हम लोगों को नुकसान पहुंचाने का जोखिम लेकर उन्हें कुछ ऐसी चीज देना चाहते हैं, जो काम न करें तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। हम अगले हफ्ते से ऐसा कर सकते हैं।