वाशिंगटन : भारत के निकेश अरोड़ा टेक्नोलॉजी की दुनिया में सबसे ज़्यादा तनख्वाह पाने वाले सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) बन गए हैं। वे इससे पहले सॉफ्ट बैंक और गूगल में काम कर चुके हैं। निकेश अब साइबर सिक्योरिटी कंपनी, पालो अल्टो नेटवर्क के नए सीईओ बने हैं और उनकी सैलरी सालाना 12.8 करोड़ डॉलर यानी लगभग 857 करोड़ रुपये होगी। निकेश का सालाना वेतन 6.7 करोड़ रुपये होगा और इतना ही उन्हें बोनस मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें 268 करोड़ रुपए के शेयर मिलेंगे जिन्हें वो सात साल तक नहीं बेच पाएंगे। अगर निकेश, पालो अल्टो के शेयर की कीमत सात सालों के भीतर 300 फीसदी बढ़ाने में कामयाब रहेंगे तो उन्हें 442 करोड़ रुपये और मिलेंगे।
इसके साथ ही निकेश अपने पैसे से पालो अल्टो नेटवर्क के 134 करोड़ रुपए के शेयर खऱीद सकते हैं और इतनी ही कीमत के शेयर उन्हें और दिए जाएंगे जिसे वो सात सालों तक बेच नहीं पाएंगे। सिलिकन वैली स्थित इस कंपनी के शेयर में इधर गिरावट आई है। हालांकि कंपनी के मुनाफे में इस तिमाही 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी पिछले साल इसी अवधि की तुलना में है। कंपनी का यह मुनाफा अनुमान से भी बेहतर है।
निकेश अरोड़ा ने मार्क मिकलॉकलीन की जगह ली है जो 2011 से लेकर अभी तक तक पालो अल्टो के सीईओ थे। मार्क कंपनी में बोर्ड के वाइस चेयरमैन बने रहेंगे जबकि निकेश अरोड़ा बोर्ड के चेयरमैन भी होंगे। कहा जा रहा है कि निकेश के पास क्लाउड और डेटा डीलिंग का व्यापक अनुभव है और साइबर सिक्योरिटी डेटा एनलिसिस समस्या में बुरी तरह जकड़ी हुई है।
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निकेश के पहले ऐपल के सीईओ टिम कुक टेक्नोलॉज़ी की दुनिया में सबसे ज़्यादा वेतन पाने वाले सीईओ थे। उनका सालाना पैकेज 119 मिलियन डॉलर का है। 2014 में जब निकेश ने गूगल को छोड़ा था तब 50 मिलियन डॉलर की सालाना सैलरी पर काम कर रहे थे। इसके बाद निकेश ने सॉफ़्ट बैंक ज्वाइन किया था और यहां उन्होंने 483 मिलियन डॉलर के शेयर खरीदे थे। निकेश यहां जून 2016 तक रहे थे।
एक इंटरव्यू में निकेश अरोड़ा ने कहा था कि उन्हें कई कंपनियों ने नौकरी देने से इनकार कर दिया था और अमेरिका जाते वक्त घर से जो तीन हजार डॉलर मिले थे उसी से गुजारा करना पड़ा था। निकेश के करियर में उस वक्त छलांग आई जब उन्हें गूगल में नौकरी मिली। निकेश 2004 से 2007 सात तक गूगल के यूरोप ऑपरेशन के प्रमुख रहे थे। 2011 में वो गूगल में चीफबिजनेस ऑफिसर बन गए और इसके साथ ही वो उस श्रेणी में आ गए जिन्हें गूगल सबसे ऊंची सैलरी देती है। 2014 में अरोड़ा ने सॉफ्ट बैंक ज्वाइन किया। सॉफ्ट बैंक में उन्हें ग्लोबल इंटरनेट इन्वेस्टमेंट प्रमुख की जिम्मेदारी मिली थी। निकेश को भारत और इंडोनेशिया में इंटरनेशनल इंटरनेट में निवेश का श्रेय दिया जाता है। उनके बढ़ते कद का ही यह प्रमाण है कि उन्हें सॉफ्ट बैंक के बोर्ड में शामिल कर लिया गया।
50 साल के निकेश अरोड़ा का जन्म 6 फरवरी 1968 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुआ था। निकेश के पिता इंडियन एयरफोर्स में ऑफिसर थे। निकेश ने स्कूल की पढ़ाई दिल्ली में एयरफोर्स के ही स्कूल से की थी।
इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन बीएचयू आईटी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में 1989 में किया था। ग्रेजुएशन के ठीक बाद विप्रो में नौकरी शुरू की, लेकिन उन्होंने जल्द ही छोड़ दिया। नौकरी छोडऩे के बाद निकेश आगे की पढ़ाई करने अमेरिका चले गए। निकेश ने बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए किया और 1992 में निकेश ने फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट में बतौर एनलिस्ट ज्वाइन किया। इस नौकरी के साथ ही निकेश ने बोस्टन कॉलेज में फाइनेंशियल प्रोग्राम की पढ़ाई शुरू की थी। निकेश क्लास में टॉप आए। 1995 में निकेश चार्टर्ड फ़ाइनेंशियल एनलिस्ट की पढ़ाई पूरी कर ली।
सॉफ्ट बैंक में रहते हुए भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में भारी निवेश का श्रेय निकेश को दिया जाता है। 2015 में निकेश को ग्लोबल इंडियन में श्रेष्ठ काम के लिए ईटी कॉर्पोरेट सम्मान से नवाज़ा गया था। निकेश की पहली शादी किरण से हुई थी और उनसे एक बेटी है। किरण से तलाक़ के बाद 2014 में उन्होंने आयशा थापर से शादी की।