पाकिस्तान की बर्बादी: अब चीन के आगे फैलाये हाथ, जोरदार तिलमिलाहट शुरू
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे यानी विशेष दर्जा खत्म हुए इस 5 अगस्त को एक साल हो गए हैं। इस एक साल के दौरान पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई पैंतरे आजमाए और वैश्विक ताकतों के दम पर नीचा दिखाने की कोशिशों में भी नाकाम रहा।
इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे यानी विशेष दर्जा खत्म हुए इस 5 अगस्त को एक साल हो गए हैं। इस एक साल के दौरान पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई पैंतरे आजमाए और वैश्विक ताकतों के दम पर नीचा दिखाने की कोशिशों में भी नाकाम रहा। इसके साथ ही पाकिस्तान भारत के खिलाफ मुस्लिम देशों को भी एक नहीं कर पाया। पिछले दिनों कश्मीर पर विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करने के लिए पाकिस्तान द्वारा बार-बार की गई सिफारिशों को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) ने मना कर दिया। इस वाकये से तिलमिलाए पाकिस्तान ने अब सऊदी अरब पर अपना हथकंडा डाला है।
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कर्ज को चुकाने के लिए भी कर्ज का सहारा
पाकिस्तान ने सऊदी अरब को 3 अरब डॉलर कर्ज में से एक अरब डॉलर की राशि वापस की है। ऐसे में हैरान करने वाली बात यह है कि इस कर्ज को अदा करने के लिए पाकिस्तान ने चीन से एक अरब डॉलर की राशि कर्ज ली है। मतलब की कंगाली के कगार पर खड़ा पाकिस्तान अब कर्ज को चुकाने के लिए भी कर्ज का सहारा ले रहा है।
सूत्रों से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटनाक्रम से साफ हो गया है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे मुस्लिम राष्ट्रों का समर्थन भी खोता जा रहा है। बता दें कि अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज देने की घोषणा की थी।
इस राशि में उक्त तीन अरब डॉलर की नकद वित्तीय मदद भी शामिल थी। बची राशि के बदले पाकिस्तान को तेल और गैस की आपूर्ति की जानी थी लेकिन पाकिस्तान ने अपनी छुद्र मानसिकता के चलते सऊदी अरब जैसे मुस्लिम राष्ट्र से भी बैर मोल लेने का काम किया है।
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दूसरा सबसे बड़ा अंतरसरकारी निकाय
गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ओआइसी को धमकी दी थी कि यदि वह विदेश मंत्रियों की बैठक नहीं बुलाता है तो पाकिस्तान उन इस्लामिक देशों की अलग बैठक बुलाने को मजबूर होगा जो कश्मीर मुद्दे पर उसके साथ खड़े हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि ओआइसी संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतरसरकारी निकाय है और पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने पर जोर देता रहा है। हालांकि हर बार उसे 57 सदस्यीय इस संगठन से निराश ही मिली है।
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