Paris Olympics 2024: ओलंपिक खेलों में बहेंगी खून की नदियां...हमास ने दी धमकी!
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में खून की नदियां बहाने की धमकी देने वाला हमास का वीडियो निकला फर्जी, फिर भी बढ़ाई गई सुरक्षा।
Paris Olympics 2024: 26 जुलाई से होने वाले पेरिस ओलंपिक को लेकर हमास की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है। जिसमें कपड़े से अपना चेहरा ढका एक व्यक्ति फ्रांस के लोगों और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को धमकी दे रहा है कि इस ओलंपिक में खून की नदियां बहेंगी और फिलिस्तीनियों की मौत में इजराइल की मदद करने के लिए फ्रांस के लोगों को इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ेगी।
फ्रांस के पेरिस में ओलंपिक और पैरालंपिक खेल का सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है। इसका आयोजन 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक होगा। जहां लोग बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं तो वहीं सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें पेरिस ओलंपिक में खून की नदियां बहाने की बात की जा रही है।
कपड़े से मुंह ढके एक व्यक्ति का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो अपने आप को हमास का फाइटर बता रहा है, उसने वीडियो में 26 जुलाई से आयोजित होने वाले पेरिस ओलंपिक को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस पेरिस ओलंपिक में खून की नदियां बहेंगी, जहां इजराइल भी भाग लेने वाला है। उसने केफियेह से अपना चेहरा ढका हुआ था, केफियेह का इस्तेमाल ज्यादातर मिडिल ईस्ट के व्यक्ति करते हैं।
फिलिस्तीनियों को चुकानी पड़ेगी मौत की कीमत
इस एक मिनट का वीडियो उस व्यक्ति ने अरबी भाषा में जारी किया है। उसने फ्रांस के लोगों और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को संबोधित करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ अपने क्रिमिनल वॉर में जायोनी शासन का समर्थन करने के लिए यह धमकी दी है। खुद को हमास का आतंकी बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि जायोनीवादियों ने हमारे भाइयों, बहनों और बच्चों की हत्या की जिसमें तुमने उन्हें हथियार मुहैया करा कर उन लोगों की मदद की और तुमने उन जायोनीवादियों को ओलंपिक में भी बुलाया है, इन सभी की तुम्हें कीमत चुकानी पड़ेगी। हालांकि वहीं हमास के अधिकारी इज्जत अल-रिशेक ने टेलीग्राम पर वीडियो को फर्जी बताते हुए प्रमाणित करने से इंकार किया है और इसे जालसाजी का नाम बताया है।
रूस से जुड़े दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है ये वीडियो
यह वीडियो सोशल मीडिया हैंडल एक्स और टेलीग्राम पर सर्कुलेट हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्चर्स ने इस वीडियो की जांच के बाद बताया कि यह वीडियो रूस से जुड़े दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है, जो कि पेरिस में आयोजित होने वाले इस आयोजन को रोकना चाहता है। माइक्रोसॉफ्ट के थ्रेट एनालिसिस सेंटर के एक्सपर्ट ने कहा कि वीडियो की जांच की और बताया कि यह वीडियो यूक्रेन से संबंधित पिछले वीडियो से मिलता-जुलता है। इस वीडियो का रूसी दुष्प्रचार समूह से जुड़े होने की आशंका है। एक्सपर्ट ने इस वीडियो को फेक बताया है।
पहले भी फिलिस्तीनी आंतकियों ने किया है ओलंपिक में हमला
ओलंपिक में पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं, जिसमें साल 1972 के सितंबर में हो रहे म्यूनिख खेलों के दौरान, फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह ब्लैक सेप्टेंबर के सदस्यों ने हमला किया था, जिसमें उन्होंने 11 इजराइली एथलीटों और कोचों की हत्या कर दी थी। इसके अलावा, 1996 के अटलांटा खेलों के दौरान, एक बम विस्फोट में एक महिला की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हालांकि जहां इस वीडियो के जारी होने के बाद से होने वाले इस ओलंपिक में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। फ्रांस सरकार ने आयोजन के हर दिन 35 हजार पुलिस अधिकारियों को तैनात करने की योजना बनाई है और उद्घाटन समारोह के लिए अधिकारियों की संख्या बढ़ाकर 45 हजार कर दी गई है।