Pegasus Spyware Case: कैम्ब्रिज में राहुल गांधी के कश्मीरी किस्से... बड़ा दावा, बोले - ‘मुझे अधिकारियों ने बताया आपका फोन सर्विलांस पर है’

Pegasus Spyware Case: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन के दौरे पर हैं। कैम्ब्रिज बिजनेस स्कूल में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-03-03 09:26 IST

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में राहुल गांधी (फोटो: सोशल मीडिया)

Pegasus Spyware Case: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन के दौरे पर हैं। कैम्ब्रिज बिजनेस स्कूल में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक ढांचा कमजोर हो रहा है, संवैधानिक सस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। विपक्ष के नेताओं की जासूसी कराई जा रही है। 

मेरे फोन में पेगासस था – राहुल

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उनके फोन में पेगासस स्पाईवेयर था। यह बात खुद अधिकारियों ने उन्हें बताई। राहुल गांधी ने बताया कि मुझे कई अधिकारियों ने बुलाया और सलाह देते हुए कहा ध्यान से बोलिए, आपका फोन सर्विलांस पर है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि बड़ी संख्या में विपक्षी नेताओं के फोन में पेगासस लगा हुआ है। उनके फोन टेप किए जा रहे हैं। 

भारत का लोकतंत्र खतरे में 

केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने देश के वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। देश के लोकतंत्र के बेसिक स्ट्रक्चर पर हमला हो रहा है। हालात ये हो गए हैं कि संसद में आवाज उठाए जाने पर विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है। उनके खिलाफ लगातार केस किए जा रहे हैं। उन्होंने खुद के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि मेरे ऊपर कई केस किए गए, जो बनते ही नहीं। हम लोग निरंतर दवाब महसूस कर रहे हैं। हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने आगे कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 

पेगासस को लेकर हो चुका बवाल

इजरायली सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ ग्रुप द्वारा निर्मित जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर पहले भी सियासी घमासान हो चुका है। दरअसल, एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों ने इस जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों की जासूसी कराने के लिए किया था। कहा गया कि 2019 में भारत में कम से कम 1400 लोगों के निजी मोबाइल सिस्टम की जासूस हुई थी। इनमें मंत्री, नौकरशाह, जज, पत्रकार, उद्योगपति जैसे वीवीआईपी शामिल हैं। 

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