Sri Lanka Crisis: श्रीलंका ने इन देशों में बंद किया अपना दूतावास
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका सरकार ने यूरोपिय देश नार्वे की राजधानी ओस्लो और मध्य – पूर्व के देश इराक की राजधानी बगदाद स्थित अपने दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार ने ऑस्ट्रलिया के सिडनी स्थित अपने वाणिज्य दूतावास को भी अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है।
Sri Lanka Economic Crisis: रूस यूक्रेन युद्ध के बाद दुनियाभर में श्रीलंका में गहराया आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) चर्चा का विषय बना हुआ है। श्रीलंका में जरूरी चीजों की इस समय जबरदस्त किल्लत है। श्रीलंकाई आवाम रिकॉर्ड तोड़ महंगाई, बिजली कटौती, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजों की कमी का सामना कर रही है। आर्थिक संकट से जूझ रही श्रीलंकाई सरकार (Sri Lanka Government) ने कुछ देशों में अपने दूतावास को अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है।
श्रीलंका सरकार ने यूरोपिय देश नार्वे की राजधानी ओस्लो और मध्य – पूर्व के देश इराक की राजधानी बगदाद स्थित अपने दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार ने आस्ट्रलिया के सिडनी स्थित अपने वाणिज्य दूतावास को भी अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है।
राजपक्षे सरकार ने खोया बहुमत
श्रीलंका में गहराए संकट को लेकर विपक्ष और आम जनता के निशाने पर आई राजपक्षे सरकार के लिए मुश्किलें बढ़तीं जा रही हैं। उनपर सत्ता छोड़ने का दवाब लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे को एक और बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक, राजपक्षे सरकार ने संसद में बहुमत खो दिया है। मंगलवार को देश में लगे आपातकाल के बीच संसद की पहली कार्य़वाही शुरू हुई। इस दौरान राजपक्षे परिवार के खिलाफ जनता के गुस्से को देखते हुए करीब 41 सांसदों ने गठबंधन से नाम वापस ले लिया।
इससे पहले मंगलवार को ही श्रीलंका सरकार (Sri Lanka Government) के नवनियुक्त वित्त मंत्री अली साबरी (Newly appointed Finance Minister Ali Sabri) ने 24 घंटे के अंदर ही इस जिम्मेदारी से हाथ खींचते हुए इस्तीफा दे दिया थी। उन्होंने सोमवार को ही तीन अन्य मंत्रियों के साथ शपथ लिया था। दरअसल इससे पहले राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) के भाई बेसिल राजपक्षे वित्त मंत्री हुआ करते थे। लेकिन आर्थिक संकट औऱ जनता में गुस्से को देखते हुए राष्ट्रपति ने अपने भाई को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था।
बता दें कि श्रीलंका का केंद्रीय बैंक भी अभी बिना गर्वनर के चल रहा है। भीषण आर्थिक संकट के बीच अजित निवार्ड काबराल ने सोमवार को कैंद्रीय बैंक के गर्वनर पद से इस्तीफा दे दिया था। मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के पूर्व अधिकारी नंदलाल वीरसिंघे 7 अप्रैल नए गर्वनर के तौर पर कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं। इधर, राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने सत्ता छोड़ने की विपक्ष औऱ जनता की मांग को साफ तौर ठुकराते हुए कहा कि वे श्रीलंका के राष्ट्रपति के पद पर काबिज रहेंगे। हालांकि उन्होंने श्रीलंकाई संसद में बहुमत प्राप्त करने वाले दल को सरकार सौंपने की बात कही है।
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