The Lancet का बड़ा दावा, कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ कमजोर है फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन

द लैंसेट ने दावा किया है कि भारत में पाए गए कोरोना वेरिएंट बी.1.617.2 के खिलाफ फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन कम प्रभावी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-06-04 16:58 GMT

फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)

लंदन: द लैंसेट (The Lancet) पत्रिका ने भारत में पाए गए कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर एक बड़ा दावा किया है। द लैंसेट (The Lancet) ने दावा किया है कि भारत में पाए जाने वाले कोरोना वेरिएंट बी.1.617.2 (B.1.617.2) जो एक डेल्टा स्वरूप का है उसके खिलाफ फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BionTech) कोरोना वैक्सीन कम प्रभावी है।

द लैंसेट (The Lancet) के अध्ययन में यह भी पाया गया है कि फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BionTech) वैक्सीन कोरोना के वेरिएंट बी.1.617.2 (B.1.617.2) के विरुद्ध में कम एंटीबॉडी (Antibodies) बनता है। इसके अलावा बढ़ती उम्र के साथ ये एंटीबॉडी कमजोर होते चले जाते है।

अध्ययन के मुताबिक, कोरोना के वेरिएंट बी.1.617.2 के खिलाफ दी जाने वाली फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BionTech) वैक्सीन की एक डोज वेरिएंट बी.1.1.7 (अल्फा) की तुलना में कम प्रभावित होती है। वहीं ब्रिटेन फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट (Francis Crick Institute) के शोधकर्ताओं का कहना है, " वैक्सीन की प्रभावकारिता को परखने के लिए केवल एंटीबॉडी 9Antibodies) का स्तर ही काफी नहीं है। इसके लिए अधिक से अधिक संभावित रोगियों पर अध्ययनों की भी जरूरत है।

बताते चलें कि द लैंसेट (The Lancet) पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में SARS-CoV-2 के पांच विभिन्न स्वरूपों वाले वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी (Antibodies) की क्षमता का परीक्षण किया गया है, जिसमें फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BionTech) कोरोना वैक्सीन को शामिल किया गया था।

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