पाकिस्तान के इस मौलाना ने दिया पीएम इमरान खान को अल्टीमेटम

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्‍तान में पीएम इमरान खान के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले मौलाना फजलुर रहमान 'लड़ाई' में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं।

Update: 2019-11-02 07:41 GMT

इस्लामाबाद: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्‍तान में पीएम इमरान खान के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले मौलाना फजलुर रहमान 'लड़ाई' में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। पाकिस्‍तान की दो बड़ी विपक्षी पार्टियों पीएमएल-एन (Pakistan Muslim League-Nawaz, PML-N) और पीपीपी (Pakistan Peoples Party, PPP) ने एलान किया है कि वे मौलाना के 'आजादी मार्च' का हिस्‍सा नहीं होंगे। सनद रहे कि जमात उलेमा-ए-इस्‍लाम के हेड मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान को दो दिन के अंदर पद छोड़ने का अल्‍टिमेटम दिया है।

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पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, PML-N और PPP के नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि केवल सार्वजनिक बैठक में भाग लेंगे और किसी धरने पर नहीं बैठेंगे। हमने किसी धरने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को कोई खास ऑर्डर जारी नहीं किया था। हमने केवल एक दिन के लिए 'आजादी मार्च' में भागीदारी की थी। PML-N के महासचिव अहसान इकबाल ने बताया कि हमारी पार्टी के नेता नवाज शरीफ ने हमें केवल एक दिन के लिए ही आजादी मार्च में भागीदारी के आर्डर दिए थे।

तेजी से बढ़ती महंगाई सबसे बड़ी समस्या है पाकिस्तान की

इस बीच एक अन्‍य रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की जनता के लिए कश्मीर आर्टिकल 370 कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि तेजी से बढ़ती महंगाई सबसे बड़ी समस्या है। आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के सभी चार प्रांतों में गैलप इंटरनेशनल द्वारा कराए गए सर्वे में यह जानकारी निकलकर सामने आई है। इससे पहले भी एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि पाकिस्‍तान के लोगों में डिप्रेशन की समस्‍या बढ़ती जा रही है।

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गैलप एंड गिलानी पाकिस्तान के अध्ययन में कहा गया है कि सर्वेक्षण में शामिल 53 प्रतिशत लोगों ने माना कि देश की अर्थव्यवस्था, खास तौर से बढ़ती महंगाई देश के सामने सबसे बड़ी समस्या है। सर्वे के मुताबिक, महंगाई के बाद बेरोजगारी (23 फीसद), कश्मीर मुद्दा (आठ फीसद), भ्रष्टाचार (चार फीसद) और जल संकट (चार फीसद) लोगों की समस्या है। इसमें राजनीतिक अस्थिरता, बिजली संकट, डेंगू रोग जैसी अन्य समस्याओं को लेकर भी चिंता जताई गई है।

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