मस्जिद उड़ाने का खतरनाक प्लान! यहां मुस्लिमों के दो धड़े आमने-सामने

बता दें कि जर्मनी में मस्जिदों और मुसलमानों पर हमले बढ़ रहे हैं। जर्मनी के गृह मंत्रालय के अनुसार 2017 में इस्लाम से घृणा के 1075 अपराध दर्ज हुए हैं। वहीं, 239 हमले मस्जिदों पर किए गए। जर्मनी में 47 लाख मुस्लिम रहते हैं। जो कि जर्मनी की कुल आबादी का 5.7 फीसदी है।

Update: 2020-02-19 10:44 GMT

नई दिल्ली: इन दिनों जर्मनी में मुस्लिमों को लेकर जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शन में भी दो धड़ हो गए हैं। पहला मुस्लिमों के समर्थन में और दूसरा विरोध में। समर्थन में वह लोग हैं जो जर्मनी में रह रहे अप्रवासी के साथ हैं। जबकि, विरोधी गुट में कट्टरपंथियों का समूह है। वहीं अब मुसलमानों के समर्थन और विरोध को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को लेकर अब जर्मनी में नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। यहां मुसलमानों ने अपने लिए सुरक्षा मांगी है।

बढ़ चुका है विवाद

जर्मनी में मुस्लिमों के दोग गुट बनने के बाद माहौल तनावग्रस्त हो गया है। यहां के जड्रेसडेन शहर के फ्राउनकिरचे चौक पर आमने-सामने आ गए। यहां दोनों पक्षों में भिड़ंत होने ही वाली थी कि जर्मनी के पुलिस ने दोनों समूहों को अलग किया।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, जर्मनी में पेगिडा संगठन के लोग मुसलमानों का विरोध कर रहे हैं। पेगिडा संगठन दक्षिणपंथी है। इस संगठन का पूरा नाम है पैट्रियाटिक यूरोपियन्स अगेंस्ट द इस्लामाइजेशन ऑफ द वेस्ट है। जर्मनी की चांसलन एंजेला मर्केल हमेशा से पेगिडा संगठन का विरोध कर रही हैं।

एंजेला मर्केल ने कहा कि इस्लाम विरोधी पेगिडा के नेता पूर्वाग्रह के शिकार हैं। उन्हें ऐसी हरकतें बंद कर देनी चाहिए। उधर, सेंट्रल काउंसिल ऑफ मुस्लिम के चेयरमैन एमान मजीक ने अप्रवासियों की रैली का समर्थन किया है।

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मस्जिद उड़ाने का था प्लान

एंजेला मर्केल ने कहा जर्मनी में इस्लामोफोबिया तेजी से बढ़ रहा है। ये ठीक नहीं है। इसके लिए सरकार बेहद कड़े कदम उठाएगी। जर्मनी की सरकार ने अभी दक्षिणपंक्षी समूह के 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग जर्मनी के मस्जिदों में बम विस्फोट करना चाह रहे थे।

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जर्मनी की पुलिस ने 53 वर्षीय वर्नर एस. ने 12 लोगों को चुन लिया था। जो मस्जिदों को बम से उड़ाने की फिराक में थे। इनमें से दो को हथियार खरीदने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए वर्नर एस ने इन्हें 38.60 लाख रुपये दिए थे।

जर्मनी की पुलिस का मानना है कि वर्नर एस की साजिश थी कि वो न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की मस्जिद में हुए हमले की तरह जर्मनी के कई मस्जिदों में हमलों को अंजाम दे। इसके बाद पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काए। वर्नर एस के इस काम जर्मनी के पुलिस विभाग का एक क्लर्क भी शामिल है।

बता दें कि जर्मनी में मस्जिदों और मुसलमानों पर हमले बढ़ रहे हैं। जर्मनी के गृह मंत्रालय के अनुसार 2017 में इस्लाम से घृणा के 1075 अपराध दर्ज हुए हैं। वहीं, 239 हमले मस्जिदों पर किए गए। जर्मनी में 47 लाख मुस्लिम रहते हैं। जो कि जर्मनी की कुल आबादी का 5.7 फीसदी है।

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