UAE And Israel Trade Agreement: फिलिस्तीन संघर्ष के बीच अरब-इजरायल का ऐतिहासिक व्यापार समझौता

UAE And Israel Trade Agreement: कभी अरब देशों की इजरायल के साथ कट्टर दुश्मनी हुआ करती थी लेकिन अब दोनों के बीच अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता हुआ है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-05-31 23:01 IST

संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल व्यापार समझौता। (Photo- Social Media)

UAE And Israel Trade Agreement: कभी अरब देशों की इजरायल के साथ कट्टर दुश्मनी हुआ करती थी लेकिन अब दोनों के बीच अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता हुआ है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और इज़रायल ( Israel) के बीच अरबों डॉलर का मुक्त व्यापार समझौता किया गया है। ये 2020 में दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने का नवीनतम डिवलपमेंट है, जिसे अब्राहम समझौते के रूप में जाना जाता है। अगले पांच वर्षों में दोनों देश वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को 10 बिलियन डॉलर से अधिक तक बढ़ाने के घोषित लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। नवीनतम व्यापार समझौता इजरायल ( Israel) और किसी भी अरब देश के बीच अब तक का सबसे बड़ा व्यापार समझौता है। इज़राइल ( Israel) के अर्थव्यवस्था मंत्री के अनुसार, यह दो मध्य पूर्वी देशों के बीच व्यापार का 96 फीसदी है, जो पिछले साल 885 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।

इजराइल और मिस्र के बीच 1979 में हुआ था शांति समझौता

संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) और इज़राइल (Israel) के बीच द्विपक्षीय आंकड़ा 2021 में मिस्र के साथ इज़राइल के 330 मिलियन डॉलर की व्यापार की मात्रा के दोगुने से अधिक है। बता दें कि इजराइल और मिस्र के बीच 1979 में शांति समझौता हुआ था। इज़राइल की अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री ओर्ना बारबीवई और उनके समकक्ष, यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने महीनों की बातचीत के बाद दुबई में समझौते पर हस्ताक्षर किए।

मध्य पूर्व के इतिहास में एक नया अध्याय खुला: व्यापार मंत्री

अमीरात के व्यापार मंत्री थानी अल जेयूदी (Emirate Minister of Trade Thani Al Jeyudi) ने ट्विटर पर लिखा - मध्य पूर्व के इतिहास में एक नया अध्याय खुला है। हमारा समझौता विकास को गति देगा, रोजगार पैदा करेगा और पूरे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के एक नए युग की ओर ले जाएगा। इस समझौते पर हस्ताक्षर ऐसे समय में हुए हैं जब इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच नए सिरे से हिंसा भड़की हुई है।दो दिन पहले ही हजारों इजरायली राष्ट्रवादियों ने इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल यरुशलम में मुस्लिम विरोधी नारे लगाते हुए अल-अक्सा परिसर को घेर लिया। कुछ ने फिलिस्तीनियों पर हमला भी किया। ल 1967 के छह दिवसीय युद्ध में यरुशलम के पुराने शहर पर इज़राइल के कब्जे की स्मृति में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे।

इजरायली बलों के संरक्षण में चरमपंथी तत्वों द्वारा अल-अक्सा परिसर पर किया हमला

यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इजरायली बलों के संरक्षण में चरमपंथी तत्वों द्वारा अल-अक्सा परिसर पर हमला किया गया। वेस्ट बैंक के अन्य शहरों और कस्बों में भी इजरायल के समूहों द्वारा फिलिस्तीनी घरों पर हिंसा और हमले देखे गए। फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट के अनुसार, हमलों में 160 से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल हो गए।इजरायल के प्रधान मंत्री नफ्ताली बेनेट ने चरमपंथी व्यवहार की निंदा की है और कसम खाई कि इन हमलों में शामिल दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

ययरूशलेम शहर में तनाव बहुत अधिक चल रहा है। अप्रैल में रमजान के पवित्र महीने के दौरान।इज़राइलियों और पुलिस द्वारा अल-अक्सा मस्जिद पर हमला करने और उपासकों पर नकेल कसने के साथ मामला और बढ़ गया है। फिलीस्तीनी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की हत्या और अंतिम संस्कार के जुलूस के दौरान शोक मनाने वालों पर हमले के साथ स्थिति भड़क गई है।

अल अक्सा अरब बहुसंख्यक पूर्वी यरुशलम (Al-Aqsa Arab majority East Jerusalem) का पुराना शहर स्थित है, जिसे 1967 से इज़राइल द्वारा कंट्रोल कर लिया गया है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मान्यता प्राप्त नहीं है। फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के कब्जे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। संयुक्त अरब अमीरात एक मुस्लिम देश होने के नाते आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीनी राज्य का समर्थन करता है, लेकिन इजरायल-फिलिस्तीनी के बीच ताजे संघर्ष पर उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं है।

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