S Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री का फैन हुआ अरब मुल्क का मंत्री, जानिए क्या कहा उनके बारे में

S Jaishankar: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस राज्य मंत्री उमर सुल्तान अल ओलमा ने जयशंकर की शान में कसीदे पढ़े हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-10-27 09:50 GMT

S Jaishankar (photo: social media )

S Jaishankar: नौकरशाही से राजनीति में आए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ख्याति न केवल देश में है बल्कि विदेशों में भी है। जयशंकर ने पिछले कुछ समय से जिस तरह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की नुमाइंदगी की है, वो दुनिया में हिंदुस्तान के बढ़ते कद को दर्शाता है। पश्चिमी मीडिया के स्वार्थ से भरे सवालों का उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि उनकी बोलती बंद हो गई। एक अराजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाले जयशंकर देश की जनता में काफी मशहूर हो चुके हैं। उनके कायल अरब मुल्क के मंत्री भी हैं।

संसाधन संपन्न और खाड़ी देशों में सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस राज्य मंत्री उमर सुल्तान अल ओलमा ने जयशंकर की शान में कसीदे पढ़े हैं। ओलमा ने कहा कि वर्तमान में जिस तरह दुनिया के देशों में आपसी खींचतान मची हुई है, वैसी स्थिति में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर वैश्विक मंचों पर जिस तरह भारत का पक्ष रखते हैं, उससे वे काफी प्रभावित हैं।

उनके भाषण में साफगोई और दूरदर्शिता

यूएई के मंत्री उमर सुल्तान ने कहा, मैं एस जयशंकर के कुछ भाषण देखता हूं। उनकी साफगोई और दूरदर्शिता हमारे सोच से मिलती है। उन्होंने कहा कि शीत युद्ध के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान आपको किसी न किसी एक पक्ष का चुनाव करना होता था। मगर आज यूएई और भारत को लेकर एकबात स्पष्ट है कि हमें किसी का पक्ष चुनने की जरूरत नहीं है। अगर यूएई भारत के साथ काम करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह अमेरिका के साथ काम नहीं कर सकता। हम तीनों एकसाथ काम कर सकते हैं। I2U2 (भारत-इजरायल-UAE-USA) समूह इसका उदाहरण है।

बता दें कि रूस – यूक्रेन को लेकर भारत पर पश्चिमी देशों द्वारा बनाए जा रहे दवाब पर सख्त टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्री ने एस जयशंकर ने कहा था कि भारत अपनी शर्तों पर दुनिया से रिश्ते निभाएगा। भारत को अब किसी के सलाह की जरूरत नहीं है। वह दौर बीत गया कि दुनिया हमारे बारे में बताए और हम दुनिया से इजाजत लें। आने वाले 25 सालों में भारत वैश्वीकरण का हब होगा।

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