ब्रिटेनः ब्रिटिश सरकार ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक नई योजना लागू करने का फैसला किया है। इसके जरिए कोई ट्रेन अगर 15 मिनट भी लेट होती है तो यात्रियों को असुविधाओं के बदले सरकार मुआवजा देगी।
ब्रिटेन के डिपार्टमेंट फॉर ट्रांसपोर्ट (परिवाहन विभाग) ने एक नई योजना की घोषणा की है। इसके तहत रेल यात्रियों को ट्रेन के देर से आने पर मुआवजा मिल सकेगा। ‘डिले री पे 15’ नामक योजना के अनुसार, यदि ट्रेन १५ मिनट या उससे ज्यादा देरी से प्लेटफार्म पर आती है तो यात्रियों को इसकी भरपाई की जाएगी। हालांकि अभी तक इस योजना को लागू करने का कोई समय तय नहीं किया गया है लेकिन इसकी शुरुआत देश के दक्षिणी हिस्से में चल रही ट्रेनों से की जाएगी। जो लंबे समय से कन्डक्टरों की भूमिका के विवाद से जूझ रही हैं।
ब्रिटेन में पहले से ही यात्रियों के लिए मुआवजा योजना लागू है, लेकिन यात्रियों को भरपाई केवल उस समय की जाती है जब कोई रेलगाड़ी आधा घंटा या उससे अधिक देरी से आती है। आंकड़ों के अनुसार मौजूदा योजना का लाभ पांच में से केवल एक यात्री उठाता रहा है। इसका मतलब है कि 80 प्रतिशत यात्री इस सुविधा को नजरअंदाज करते रहे हैं। परिवहन सचिव क्रिस गेलिंग के अनुसार- हम इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि सभी यात्री एक विश्वसनीय रेल सेवा की आशा करते हैं और जब विभाग की ओर से कोई कमी रह जाती है तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उसकी भरपाई करें।
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अगर ट्रेन तीन घंटे से ज्यादा लेट है तो टिकट का पूरा पैसा वापस होगा कोई कन्सिलेशन चार्ज नहीं कटेगा, लेकिन टिकट ट्रेन छूटने से पहले वापस करना होगा। इसके अलावा ट्रेन रद्द होने और ट्रेन का रास्ता बदल जाने पर भी टिकट का पैसा वापस किया जाता है।
कैसे होगा भुगतान?
-25 प्रतिशत किराए की वापसी - यदि ट्रेन 15 से 29 मिनट की देरी से आती है।
-50 प्रतिशत की वापसी - यदि ट्रेन 30 से 59 मिनट की देरी से आती है।
-100 प्रतिशत की वापसी - यदि ट्रेन 60 से 120 मिनट देरी से आती है।
-100 प्रतिशत और वापसी का टिकट (अगर है तो) की पूरी राशि - यदि ट्रेन दो घंटे या उससे अधिक लेट है।
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ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स) में वाहन चालक सडक़ के गढ्ढों से परेशान हैं। इन गढ्ढों के कारण उन्हें भारी नुकसान का सामना कर पड़ रहा है। सडक़ों की बुरी स्थिति के कारण आए दिन वाहनों के सस्पेंशन, टायर, एलाइनमेंट, आदि खराब हो जाते हैं। एक सरकारी योजना के अन्तर्गत ग्रेट ब्रिटेन की क्षतिग्रस्त सडक़ों के कारण हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए दावा किया जा सकता है। यानी अगर सडक़ के गड्ढे से वाहन को खराबी पहुंचती है तो वाहन चालक या मालिक मुआवजे का क्लेम कर सकता है।
आंकड़े बताते हैं कि इस साल दावा करने वाले लोगों की संख्या 28,971 से बढ़ कर 31,483 हो गई है जो 8.67 प्रतिशत की बढ़त है, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि स्थानीय परिषदों द्वारा दिए गए मुआवजों में 11 प्रतिशत की गिरावट होती दिखाई दी है। असल में दावा करने वाले को यह साबित करना होता है कि वाहन में खराबी गड्ढे के कारण आई है।
इसी कारण मुआवजे के निपटारे में गिरावट आई है। रॉयल ऑटोमोबाइल क्लब फाउंडेशन के अनुसार सरकार का कहना है कि इन सडक़ों की मरम्मत में 8.6 बिलियन यूरो का खर्चा है जबकि हाल ही में हुए सलाना ‘अलार्म सर्वे’ की रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्य में सरकार के कुल 11.8 बिलियन यूरो खर्च होंगे।