Vaccination: 12 से 15 साल के बच्चों को वैक्सीन देने की मंजूरी, गाइडलाइन जारी

Vaccination: बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें कोविड-19 की वैक्सीन दिए जाने के मामले में UAE में बड़ा फैसला लिया गया है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Shivani
Update: 2021-05-20 02:32 GMT

बच्चे का वैक्सीनेशन (Photo Social Media)

Vaccination: कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के असर से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें कोविड-19 की वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) दिए जाने के मामले में UAE में बड़ा फैसला लिया गया है। हेल्थ एंड प्रिवेंशन मंत्रालय ने देश के 12 से 15 साल की उम्र वाले बच्चों के टीकाकरण के लिए आपातकाल प्रयोग की मंजूरी दे दी है। इसके तहत 12 साल की उम्र तक के बच्चों को Pfizer-BioNTech की कोविड वैक्सीन लगाने की इजाजत है।

दरअसल, UAE में बच्चों को कोरोना की वैक्सीन दिए जाने को लेकर क्लिनिकल स्टडीज में मिले परिणामों के आधार पर फैसला लिया गया कि अब उन्हें Pfizer की वैक्सीन दी जा सकती है। वैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग के लिए कठोर नियमों का पालन किया जाएगा। ऐसे में कोरोना के खिलाफ UAE की जंग तेज हो गयी है, जिसकी वजह से बच्चों को भी संक्रमण से बचाया जाएगा। 

UAE हेल्थ एंड प्रिवेंशन मंत्रालय का फैसला

UAE हेल्थ एंड प्रिवेंशन मंत्रालय के इस फैसले से कई अभिभावकों को राहत मिली है। परिवार में सभी लोगों के वैक्सीनेट होने के बाद भी घर के बच्चों में संक्रमण का खतरा बना हुआ था लेकिन अब उनके 12 से 15 साल तक की उम्र के बच्चों का भी टीकाकारण होगा। लोगों ने बच्चों के टीकाकरण को सपोर्ट करते हुए कहा कि, हम लोग सामूहिक प्रयास से ही कोरोना महामारी को हरा सकते हैं। मेरे या कुछ लोगों के वैक्सीनेशन करवा लेने भर से फर्क नहीं पड़ेगा। हर्ड इम्यूनिटी पाने के लिए जरूरी है कि सभी इस वैक्सीनेशन ड्राइव में हिस्सा ले और UAE के इस कैंपेन को सफल बनाएं।'


वहीं UAE के स्कूलों पर भी सरकार के इस फैसले का असर देखने को मिला। उनमें वैक्सीनशन को लेकर ख़ुशी है। कई स्कूलों का मानना है कि अगर स्कूलों के अंदर भी सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक वैक्सीनेशन ड्राइव चलाने की अनुमति मिले, तो जल्द से जल्द बच्चों को भी संक्रमण के असर से दूर किया जा सकेगा। 

वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल सफल

बता दें कि बच्चों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर क्लिनिकल ट्रायल किया गया था, जो बच्चों पर 100 प्रतिशत असरदार साबित हुआ। इसके अलावा अभिभावकों को फोन करके उन्हें बच्चों को वैक्सीन दिए जाने की राय भी ली गयी और लोग इससे सहमत दिखे।
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने भी 12 से 15 साल के बच्चों पर वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। वहीं भारत की बात करें तो देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है। इस बीच कोवैक्सीन (Covaxin) का ट्रायल जल्द ही 2 से 18 आयु वर्ग के बच्चों पर शुरू किये जाने की संभावना है। भारत बायोटेक (Biotech) और आईसीएमआर (ICMR) की ओर से बनाई गई वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल 10 से 12 दिनों के भीतर शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह जानकारी स्वास्थ्य मामलों पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पाल (Dr. V.K. Pal) ने दी है।

भारत में बच्चों का वैक्सीनेशन

इसके पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री के अरविंद केजरीवाल और कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी सरकार से बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल जल्द शुरू करने की मांग की थी। माना जा रहा है कि बच्चों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए सरकार सतर्क हो गई है और इसी कारण बच्चों पर जल्द ट्रायल शुरू करने की तैयारी है।

कोरोना वायरस की लहर कई राज्यों में कमजोर पड़ी है तो कई राज्यों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस बाबत केंद्र सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मामलों में कमी दर्ज की गई है जबकि तमिलनाडु, सिक्किम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में कोरोना केसों में वृद्धि दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की कुल आबादी का करीब 1.8 फीसद तक कोरोना से काफी प्रभावित हुआ है जबकि 98 फ़ीसदी आबादी संवेदनशील स्थिति में है।
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