Serbia: बिना वीज़ा के भारतीयों के नहीं मिलेगी एंट्री

Visa free entry closed in Serbia:सर्बिया की सरकार ने अब सभी भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए सर्बिया में वीज़ा-मुक्त प्रवेश और 30 दिनों तक सर्बिया में रहने की मौजूदा व्यवस्था को वापस ले लिया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-12-23 16:18 IST

Serbia closed Visa free entry for Indians (photo: social media )

Serbia Visa free entry Ban: यूरोपीय देश सर्बिया में अब भारतीयों के लिए बिना वीज़ा एंट्री बन्द हो गई है। यूरोपीय संघ की वीजा नीति की आवश्यकताओं और अवैध प्रवासियों को नियंत्रित करने के उपायों के मद्देनजर, सर्बिया ने भारत के नागरिकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा नियमों को समाप्त कर दिया है। नया नियम 1 जनवरी 2023 से लागू होगा। इस संबंध में बेलग्रेड, सर्बिया में भारतीय दूतावास द्वारा एक यात्रा परामर्श भी जारी किया गया है, जिसमें घोषणा की गई है कि 1 जनवरी, 2023 से सर्बिया जाने वाले सभी भारतीय यात्रियों को देश में प्रवेश करने के लिए वीजा की आवश्यकता होगी।

दरअसल चूंकि सर्बिया में आने के लिए भारतीयों को वीज़ा की जरूरत नहीं होती थी सो बहुत से लोग यूरोप में घुसने के लिए सर्बिया के रूट का इस्तेमाल करते थे। सर्बिया की सरकार ने अब सभी भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए सर्बिया में वीज़ा-मुक्त प्रवेश और 30 दिनों तक सर्बिया में रहने की मौजूदा व्यवस्था को वापस ले लिया है। इससे पहले, साधारण पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेजों वाले भारतीय यात्रियों को एक वर्ष की अवधि के भीतर 30 दिनों तक सर्बिया में प्रवेश करने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती थी।

नवीनतम डेवलपमेंट के मद्देनजर, भारतीय दूतावास ने नई दिल्ली में सर्बिया के दूतावास या अपने निवास के देश में वीजा के लिए आवेदन करने के लिए 1 जनवरी, 2023 को या उसके बाद सर्बिया जाने की योजना बना रहे भारतीय नागरिकों को सूचित किया है।

सर्बिया में वीज़ा-मुक्त प्रवेश का आनंद ले सकेंगे ये भारतीय 

दूतावास ने यह भी उल्लेख किया कि जिन भारतीयों के पास वैध शेंजेन, यूके या यूएस वीज़ा है, वे अभी भी 90 दिनों तक सर्बिया में वीज़ा-मुक्त प्रवेश का आनंद ले सकेंगे। ध्यान दें कि सर्बिया ने 20 नवंबर से गिनी-बिसाऊ, ट्यूनीशिया और बुरुंडी के साथ वीज़ा-मुक्त शासन को भी समाप्त कर दिया है। बीते करीब सात आठ वर्षों से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान आदि देशों से मानव तस्कर लोगों को यूरोप में घुसाने के लिए बाल्कन देशों का इस्तेमाल काफ़ी करने लगे थे।

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