महिला दिवस: भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, US सरकार ने अंजलि को किया सम्मानित
महिलाएं हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रहीं है। इनमें अंजलि भारद्वाज भी हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर रहीं हैं। उनके काम को अमेरिकी सरकार ने पहचाना है और उनको सम्मानित किया है।
नई दिल्ली: महिलाएं हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रहीं है। इनमें अंजलि भारद्वाज भी हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर रहीं हैं। उनके काम को अमेरिकी सरकार ने पहचाना है और उनको सम्मानित किया है। अंजलि पिछले दो दशक से भी अधिक समय से सूचना के अधिकार आंदोलन की एक सक्रिय सदस्य रही हैं। उनको भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले अग्रणी एक्टिविस्टों में जाना जाता है। अंजलि नेशनल कैंपेन फॉर पीपल्स राइट टू इन्फॉर्मेशन की सह-संयोजक हैं। यह वही संस्था है जिसके अभियानों की वजह से भारत में 2005 में सूचना का अधिकार कानून आया।
अमेरिकी सरकार ने सम्मानित किया
अंजलि भारत में भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिए एक निष्पक्ष और शक्तिशाली नियामक ‘लोकपाल’ की स्थापना के लिए चलाए गए अभियान से भी जुड़ी रही हैं। अब अंजलि को अमेरिकी सरकार ने सम्मानित किया है। उन्हें जिस पुरस्कार के लिए उन्हें चुना गया है वो प्रेसिडेंट जो बिडेन प्रशासन द्वारा शुरू किया गया एक नया पुरस्कार है। इस पुरस्कार का उद्देश्य उन लोगों के काम को पहचान दिलाना है, जिन्होंने ‘पारदर्शिता के समर्थन में खड़े रहने, भ्रष्टाचार से लड़ने और अपने अपने देशों में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बिना थके काम किया।‘
अंजलि के आलावा इस पुरस्कार के लिए 11 और लोगों को चुना गया है। इनमें अल्बानिया के अर्दीयान द्वोरानी, इक्वेडोर की डायना सालाजार, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनीशिया की सोफिया प्रेट्रिक, गुआतेमाला, के हुआन फ्रांसिस्को संदोवाल अल्फारो, गिनी की इब्राहीमा कलिल गुइये, इराक के ढूहा मोहम्मद, किर्गिज गणराज्य के बोलोत तेमिरोव, लीबिया के मुस्तफा अब्दुल्ला, सनल्ला, फिलीपींस के विक्टर सोट्टो, सिएरा लियॉन के फ्रांसिस बेन कैफाला और यूक्रेन के रुस्लान रयाबोशाप्का शामिल हैं।
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ट्वीट के ज़रिए किया धन्यवाद
पुरस्कार के लिए धन्यवाद करते हुए अंजलि ने ट्विटर पर लिखा कि यह पुरस्कार पूरे देश में फैले उन लोगों और संगठनों के काम का सम्मान है जो सत्ता में बैठे लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित कराने की कोशिश में लगे हुए हैं। अंजलि ने 2003 में सतर्क नागरिक संस्थान नाम की संस्था की भी स्थापना की थी जो जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के काम पर रिपोर्ट कार्ड बनाने का काम करती है। उनके संगठन द्वारा जन प्रतिनिधियों के कामकाज की लगातार समीक्षा की जाती है। वह 2008 में स्थापित आरटीआई आकलन और सलाहकार समूह के साथ काम करती रही हैं, जिसे सूचना का अधिकार कानून के कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिए गठित किया गया था। उन्हें 2009 में सामाजिक भागीदारी बढ़ाने में योगदान के लिए ‘अशोका फैलोशिप’ प्रदान की गई थी।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन
दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली अंजलि भारद्वाज ने वर्ल्ड बैंक के ऊंचे ओहदे को छोड़कर भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने का फैसला किया।उनका मानना है कि पिछले दो दशक में कतार में सबसे पीछे खड़े लोगों को भी यह समझ में आने लगा है कि वह हाकिमों के हर फैसले के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं और लाख दुश्वारियों के बावजूद कहीं न कहीं उनकी आवाज की गूंज जरूर सुनाई देगी।
भारद्वाज ने कहा है कि यह सम्मान ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब सवाल पूछने वालों पर हमले किए जा रहे हैं। ये हमले उन माध्यमों पर किए जा रहे हैं, जिनके जरिये लोग पारदर्शिता चाहते हैं।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल