Johanna Mazibuko: दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला का निधन, 128 साल की उम्र में ली अंतिम सांस...देखी थीं 3 सदियां

World's Oldest Woman Dies:दुनिया की सबसे लंबे समय तक जीवित रही महिला का निधन हो गया। जोहाना माजिबुको ने 128 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वो दक्षिण अफ्रीका की थीं। 

Written By :  aman
Update:2023-03-08 08:16 IST

Johanna Mazibuko (Social Media)

World's Oldest Woman Dies: दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला का निधन हो गया है। दक्षिण अफ्रीका (South Africa) की रहने वाली जोहाना माजिबुको (Johanna Mazibuko) 128 वर्ष की थीं। जोहाना का जन्म सन 1894 में हुआ था। अगर वो कुछ महीने और जीवित रहतीं तो 2023 के मई महीने में 129 साल की हो जातीं। उनके उम्र से अब तक के जीवन सफर को देखें तो जोहाना माजिबुको ने तीन सदियां देखीं। 

डेली मेल (Daily Mail) की खबर के अनुसार, जोहाना माजिबुको (Johanna Mazibuko Dies) ने 3 मार्च को दक्षिण अफ्रीका में अंतिम सांस ली। जोहाना का इतना लंबा जीवन 3 देशों में बीता। उनके पति का नाम स्टवाना माजिबुको (Stavana Majibuko) था। जोहाना की 7 संतानें हुईं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उनके 50 से ज्यादा नाती-पोते और पड़पोते हैं।

कभी स्कूल नहीं गईं जोहाना 

जोहाना माजिबुको ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो 12 भाई-बहन थे। जिनमें 3 अभी भी जीवित हैं। उनकी भी उम्र काफी अधिक हो चुकी है। जोहाना के परिजनों के मुताबिक, उन्होंने कभी पढ़ाई नहीं की। जोहाना ने पूरे जीवन में कभी स्कूल का रुख नहीं किया। वो अधिकतर खेती-बारी के काम में ही व्यस्त रहीं। 


1894 में हुआ था जन्म 

जोहाना माजिबुकोको दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला बताया जाता रहा है। जोहाना के पास सबसे बुजुर्ग महिला के सबूत भी थे। एक दस्तावेज में उनकी जन्म तिथि 11 मई 1894 लिखी हुई है। जोहाना के परिवार वालों का कहना है कि उस दस्तावेज के आधार पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जोहाना का नाम दर्ज होना चाहिए। ताकि उन्हें सबसे बुजुर्ग महिला का सम्मान मिल सके। जोहाना निधन के बाद भी दुनियाभर में चर्चा में बनी हुई हैं। ऐसे में वह घोषित तौर पर सबसे 'उम्रदराज महिला' डिक्‍लेयर की जा सकती हैं। 

जोहाना बोली थीं- मैं अब तक जिंदा क्यों हूं? 

जोहाना माजिबुको की बढ़ती उम्र उनके लिए परेशानी पैदा कर रही थी। पिछले साल यानी 2022 में उन्होंने स्वयं कहा था, 'मैं अब तक जिंदा क्यों हूं? मेरे साथियों की काफी पहले मौत हो चुकी है। न जाने मैं कब मरूंगी? उन्होंने कहा था, मैं एक जगह बैठे-बैठे अब थक गई हूं। मेरे शरीर में अकड़न होने लगी है। अब तो मैं चल भी नहीं पाती। मुझे नींद भी नहीं आती। इस तरह जिंदा रहने का क्या मतलब?'

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