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सेहत ही नहीं, धन की भी होती है बरसात, जब करते हैं हर दिन ऐसे सूर्य नमस्कार

जीवन में उर्जा और रोशनी का माध्यम है सूर्य है। सूर्य हमें अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का काम करता है इसलिए हमें हर रोज सुबह सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 9 Sep 2020 1:52 AM GMT
सेहत ही नहीं, धन की भी होती है बरसात, जब करते हैं हर दिन ऐसे सूर्य नमस्कार
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सूर्य भगवान की कृपा जिस जीव पर होती है, उसे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। अगर सूर्य देव प्रसन्न हो जाते हैं तो मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है

जयपुर: जीवन में उर्जा और रोशनी का माध्यम है सूर्य है। सूर्य हमें अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का काम करता है इसलिए हमें हर रोज सुबह सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए और सूर्य नमस्कार करना चाहिए। सूर्य भगवान की कृपा जिस जीव पर होती है, उसे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। अगर सूर्य देव प्रसन्न हो जाते हैं तो मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।सुबह सुबह सूर्य नमस्कार की परम्परा सदियों से चली आ रही है। यह परम्परा वैज्ञानिक दृष्टि से फलदायी है।

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सूबह सूर्य को देखना नेत्र विकार को दूर करता है। प्रात:काल हर व्यक्ति को सूर्य नमस्कार करना चाहिए, इससे जीवन में शुभफल मिलता है। यश-कीर्ति में बढ़ती है। जीवन के संकट दूर होते हैं। मन में सात्विकता की प्रधानता होती है। इस युग में सूर्य ऐसे भगवान है, जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते हैं। हर दिन सूर्य नमस्कार करने से विचारशीलता बढती है और जीवन में सकारात्मकता का उदय होता है।

सूर्य नमस्कार के पीछे वैज्ञानिक तर्क है कि जल चढ़ाते समय पानी से आने वाली सूर्य की किरणें, जब आंखों हमारी में पहुंचती हैं तो आंखों की रोशनी अच्छी होती है। साथ ही सुबह की धूप भी त्वचा के लिए भी लाभकारी होती है।

surya namskaar सोशल मीडिया से

शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्य को जल चढ़ाने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है। कुंडली में सूर्य के अशुभ फल समाप्त होते हैं।

नियम नित्य सुबह उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहन तांबे के बर्तन में जल व लाल चंदन मिलाकर दोनों हाथों को सीधा कर सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए। ध्यान रहे कि अर्ध्य देते समय पानी पैरों पर नहीं आएं। अर्ध्य के समय इस मंत्र का ऊॅँ घूणि सूर्याय नम: जाप करना चाहिए।

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surya namskaar सोशल मीडिया से

आंखों की रोशनी के लिए सूर्य को दिए जल जो भूमि पर पड़ा है उसे अपनी उंगलियों से आंखों पर लगाएं, कभी नेत्र विकार नहीं होगा। हमेशा ताम्बे का कड़ा पहने। नित्य प्रतिदिन इन मंत्रों से सूर्य को स्मरण करें-

ॐ मित्राय नमः , ॐ रवये नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूष्णे नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सवित्रे नमः, ॐ अर्काय नमः, ॐ भास्कराय नमः व ॐ श्री सवितृसूर्यनारायणाय नमः।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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