×

2 घंटे 59 मिनट के चंद्रगहण के बाद व पहले करना होगा यह सब काम

जिससे ग्रहण का प्रभाव ज्यादा पड़ेगा। सूर्य के साथ राहु और शुक्र भी रहने वाले हैं। सूर्य और चंद्र चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में रहेंगे। इस दौरान मंगल नीच का रहेगा।ग्रहों का यह योग और इस पर लगने वाला चंद्र ग्रहण तनाव बढ़ा सकता है।

suman
Published on: 15 July 2019 2:47 AM GMT
2 घंटे 59 मिनट के चंद्रगहण के बाद व पहले करना होगा यह सब काम
X

जयपुर: दूसरा चंद्र ग्रहण 16 जुलाई 2019 को है। इस बार के ग्रहण की खास बात यह है कि यह भारत में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार यह रात में 1 बजकर 31 मिनट पर, ग्रहण का मध्य भर में 3 बजकर 1 मिनट ,एवं चन्द्र ग्रहण का मोक्ष 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 59 मिनट होगी। भारत के साथ ही यह ग्रहण आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में भी दिखाई देगा। भारत में अरुणाचल प्रदेश के दूर के इलाकों को छोड़कर सब जगह देखा जाएगा चंद्रगहण।

15 जुलाई: सोमवार का दिन आपके लिए क्या कुछ लेकर आएगा, जानिए राशिफल व पंचांग

माना जाता है कि सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। एक दुर्लभ योग इस बार के चंद्र ग्रहण पर बन रहा है।वर्ष 1870 में 12 जुलाई को यानी 149 साल पहले बना था। जब गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हुआ था और उस समय भी शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था। सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था।ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति: शनि और केतु ग्रहण के समय चंद्र के साथ धनु राशि में रहेंगे। जिससे ग्रहण का प्रभाव ज्यादा पड़ेगा। सूर्य के साथ राहु और शुक्र भी रहने वाले हैं। सूर्य और चंद्र चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में रहेंगे। इस दौरान मंगल नीच का रहेगा।ग्रहों का यह योग और इस पर लगने वाला चंद्र ग्रहण तनाव बढ़ा सकता है। ज्योतिष अनुसार भूकंप का खतरा रहेगा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने के योग भी बन रहे हैं।

चन्द्र ग्रहण के बाद स्नान और दान करना पुण्यदायक होता है। इस अवसर पर गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल, काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी व स्टील की कटोरी में खीर दान से लाभ मिलेगा। इसी दिन गुरु पूर्णिमा उत्सव भी मनाया जाएगा। इस दिन गुरु पूजा के साथ, हवन, भंडारे आदि अन्य शुभ कार्य भी होंगे। मगर यह सभी सूतक आरंभ होने से पहले ही शाम 4:30 बजे तक पूरे कर लिए जाएंगे। इसके कारण मंदिरों के कपाट भी सूतक लगने के साथ ही बंद हो जाएंगे। अगले दिन सुबह 4 बजकर 31 मिनट पर ग्रहण खत्म होने पर मंदिरों की धुलाई आदि होने के बाद ही खुलेंगे।

suman

suman

Next Story